पीलीभीत: अब उत्तराखंड में वन्यजीव-मानव संघर्ष रोकेगा पीलीभीत का बाघ मित्र मॉडल
पीलीभीत, अमृत विचार। बाघों की सुरक्षा एवं निगरानी में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का बाघ मित्र मॉडल खासा मुफीद साबित होता नजर आ रहा है। इधर अब पीटीआर के बाघमित्र उत्तराखंड के नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के वालंटियर्स को ट्रेनिंग देने के साथ उन्हें प्रोत्साहित भी करेंगे। इसको लेकर रविवार को 11 बाघ मित्रों की टीम यहां से नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए रवाना हो गई।
जनपद में साल दर साल बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने वर्ष 2019 में बाघ मित्र योजना की शुरुआत की थी। इसमें जंगल सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले कुछ जागरूक युवाओं को टीम में शामिल किया। विशेषज्ञों द्वारा इन युवाओं को बाघ एवं तेंदुए के पदचिन्ह और उनके व्यवहार के प्रति प्रशिक्षित किया गया। वर्ष 2020 आते-आते सभी वालंटियर्स ने अपनी जिम्मेदारी भली भांति संभाल ली। वर्तमान में 100 से अधिक बाघ मित्र हैं। बाघ मित्रों की सक्रियता का ही परिणाम है कि जंगल सीमा से सटे लोग अब बाघ या तेंदुआ दिखने पर हिंसक होने के बजाय इन वन्य जीवों के व्यवहार को समझने लगे हैं। बाघों की निगरानी एवं उनकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे पीलीभीत के बाघ मित्र अब उत्तराखंड की नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के जंगल वॉलंटियर्स को भी अपने काम करने के तौर-तरीकों से रूबरू कराएंगे। इसको लेकर रविवार को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार के नेतृव में 11 बाघ मित्रों का एक दल नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी रवाना हो गया। बाघ मित्रों के दल को पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
यहां भी लागू है बाघ मित्र प्रोजेक्ट
पीलीभीत के बाघ मित्र नंधौर सेंचुरी के विलेज वॉलंटियर प्रोटेक्शन फोर्स को वन्यजीव और इंसानी टकराव रोकने के फंडे सिखाएंगे। बता दें कि पीलीभीत का बाघ मित्र प्रोजेक्ट दक्षिणी खीरी वन प्रभाग, उत्तरी खीरी वन प्रभाग (दुधवा टाइगर रिजर्व का बफर एरिया), कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में लागू किया जा चुका है।