अयोध्या: बारिश से तबाही...खेतों में लोटी धान की फसलें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

अयोध्या: बारिश से तबाही...खेतों में लोटी धान की फसलें, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
अयोध्या-बारिश से धान की फसल की बर्बादी देखता किसान।

मिल्कीपुर/पूराबाजार/सोहावल, अयोध्या, अमृत विचार। लगातार हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। खेतों में धान और गन्ने की फसलें बिछ गई हैं। भारी नुकसान को देखते हुए किसानों के माथे चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। उनका कहना है कि इस बार क्या खाएंगे और खिलाएंगे। बच्चों की पढ़ाई और पत्नी की दवाई कैसे होगी?

मिल्कीपुर प्रतिनिधि के अनुसार पिछेती बारिश किसानों के लिए नुकसानदेह साबित हुई। धान, गन्ना व उड़द के साथ सब्जी की फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।  अगेती धान की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। धान की पौध जमीन में चिपक गई है। बालियों में अंकुरण आना शुरू हो गया है। ग्राम सुल्तानपुर के किसान विजय तिवारी ने बताया कि धान की फसल में खूब मेहनत किया था। बसवार कलां के अशोक बताते हैं कि गन्ना की फसल खेतों में गिरी पड़ी है। अब उत्पादन आधा हो जाएगा। पाराताजपुर के किसान राम लौट कहते हैं कि लोबिया, परवल, मूली, मिर्च सब में पानी चला गया है। अब बच्चों की पढ़ाई, पत्नी की दवाई कैसे होगी। घुरेहटा के विकास सिंह कहते हैं कि उनकी केले की फसल को काफी नुकसान हुआ है। करीब 150 पेड़ जमीन पर पड़े हैं। आहत चिखड़ी गांव के राम आसरे, आदिलपुर के सर्वादीन, घुरेहटा के रामयज्ञ यादव अपने अपने भाग्य को कोस रहे हैं।

सड़ रही हैं धान की अगेती फसल
पूराबाजार प्रतिनिधि के अनुसार विकासखंड के गगौली निवासी किसान राजेश पाठक ने बताया कि पांच बीघा अगेती धान की फसल सड़ रही है। खनुवावां के किसान ओमप्रकाश पांडे की भी पांच बीघा धान की फसल लोट गई हैं। लग रहा है कि अब धान की फसल घर नहीं पहुंचेगी। कछौली के पवन कुमार बताते हैं कि गन्ने की फसल भी खराब हुई है। पानी बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। 10 बीघा गन्ना और 5 बीघा धान की फसल नष्ट होने के कगार पर है। अंकवारा के किसान राजेश मौर्य बताते हैं कि पानी की एक बूंद अब फसलों के लिए कैंसर जैसा है। बरसात अब किसानों को बर्बाद कर देगी। धान और गन्ने के साथ-साथ ही सब्जी की खेती भी बर्बाद हो रही है। सोहावल प्रतिनिधि के अनुसार मंगलसी के किसान राम सिंह, राम गनेश वर्मा कहते है सब्जी की फसल तोरई, करेला, टमाटर, मिर्च, आदि पानी में डूबने से समाप्ति की ओर है। गन्ने की गिरी फसल का उत्पादन आधा हो जाएगा।

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