विज्ञान की पढ़ाई नहीं की है तो भी सीख सकते हैं रोबोट बनाना, नेशनल पीजी कॉलेज में शुरू हुआ कोर्स
लखनऊ, अमृत विचार। नेशनल पीजी कॉलेज में शनिवार को रोबोटिक: फ्यूचर ऑफ द वर्ल्ड नाम के एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रिंसिपल डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया। जिसमें SRMCEM के रोबोटिक क्लब (Grobots) के मेंबर्स ने छात्रों को AI टेक्नोलॉजी और रोबोटिक सिस्टम के बारे में जानकारी दी। किस तरह बड़ी-बड़ी कंपनियों से लेकर डेली लाइफ में रोबोटिक्स का इस्तेमाल हो रहा है। कॉलेज के फिजिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट में रोबोटिक्स की पढ़ाई कराई जा रही है, जिसे नॉन साइंस वाले स्टूडेंट्स भी कर सकते हैं।
भारत में रोबोटिक्स एक व्यापक रूप लेते जा रही है। साथ ही इस तकनीक का विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा से लेकर कृषि और लॉजिस्टिक्स तक इसका इस्तेमाल हो रहा है। स्टार्ट-अप और स्थापित कंपनियां तक एफिशिएंसी और स्केलेबिलिटी के लिए रोबोटिक्स का उपयोग कर रही हैं। ये देश को आगे बढ़ाने और विकसित करने में मदद करेगा।
'नए जोश के साथ शुरू होगा सेकेंड बैच'
नेशनल पीजी कॉलेज में रोबोटिक की पढ़ाई पिछले वर्ष से ही शुरू हुई है। इसके लिए 6 महीने का रोबोटिक सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया गया था। पिछले साल इसमें लगभग 40 स्टूडेंट्स ने एनरोल किया था। इस साल कुछ नई टेक्नोलॉजी और प्रैक्टिकल्स के साथ कोर्स को नई उडान दी जा रही है। जिसके लिए नेशनल पीजी कॉलेज ने SRMCEM के साथ कोलैबोरेशन किया गया। 2024-25 के लिए अब तक 30 से अधिक एनरोलमेंट हो चुके हैं। इस बारे में फिजिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की विभागाध्यक्ष अपर्णा सिंह ने बताया की आज का टाइम डिजिटल एरा का है जहां पर AI और रोबोटिक्स का हर कोई इस्तेमाल कर रहा है। छोटा सा चार्जर हो या बड़ी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज रोबोट की मदद से तैयार होती है। ऐसे में कॉलेज द्वारा शुरू किया गया। इस सर्टिफिकेट कोर्स साइंस स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स के साथ-साथ नॉन-साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स पार्ट ले सकते हैं।
कैसे ले कोर्स में हिस्सा
असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा ने बताया कि कोर्स में पार्ट लेने के लिए स्टूडेंट्स को सिर्फ कॉलेज के फिजिक्स डिपार्टमेंट से एक फॉर्म लेना होगा, जो सिर्फ 100 रुपए का है। इसके बाद स्टूडेंट्स को बैच अलॉट कर दिया जाएगा। इस 6 महीने के कोर्स की फीस 5000 है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स के लिए एक लैब तैयार की गई है, जिसमें स्टूडेंट्स को रोबोटों का संयोजन और निर्माण करना सीखाया जाएगा। किस तरह के उन्हें डिजाइन कर सकते हैं। रोबोट के भौतिक निर्माण के लिए स्टूडेंट्स को हर तरह की सुविधा और सामग्रियां दी जाएंगी से सुसज्जित किया जाना चाहिए।
'रोबोटिक्स इज फ्यूचर'
SRMCEM के रोबोटिक क्लब (Grobots) के मैंमबर इशान मिश्रा ने बताया कि टेक्नोलॉजी लगातार एन्हांस हो रही है। साइंस में हर दिन नए-नए एक्सपैरिमेंट हो रहे हैं। ऐसे में ROBO टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण स्थान हैं। हर एक दिशा में इसका इस्तमाल हो रहा है। फिर चाहे वो स्पेस टेक्नोलॉजी हो, मेडिसन हो या फिर डेली लाइफ हर जगह रोबोटिक्स है। ऐसे में लोगों जितना इसके बारे में जानेंगे, जितना पढ़ेंगे उतना ही देश का डेव्लपमेंट होगा। इशान ने बताया कि उनके इस क्लब में आयूष वर्मा, प्राहर्ष सिंह, हर्षित श्रीवास्तवा और उनके सीनियर अमन कटियार हैं। वे सब मिल कर नए-नए इक्विपमेंट्स बनाते रहते हैं। उनके क्लब ने कई सारे कंपटीशन भी जीते हैं।
कॉलेज लगातार स्टूडेंट्स के लिए नए-नए कोर्स लाता रहता है। उसी में से एक यह Robotics Education है। कॉलेज में एक रोबोटिक क्लब बनाया जाएगा, जो स्टूडेंट्स को नए-नए एक्सपैरिमेंट करने के लिए प्रेरणा देगा। साथ ही उसके लिए फंड भी देगा। ऐसा करने से स्टूडेंट्स क्रिएटिव बनेंगे और अपनी स्किल को भी एंहान्स करेंगे।
डॉ. देवेन्द्र कुमार सिंह, प्राचार्य, नेशनल पीजी कॉलेज
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