पूर्व भाजपा विधायक नीलम करवरिया का निधन, करवरिया कोठी पहुंचा शव तो उमड़ा जन सैलाब

हैदराबाद के अस्पताल में चल रहा था इलाज, प्रयागराज में होगा अंतिम संस्कार

पूर्व भाजपा विधायक नीलम करवरिया का निधन, करवरिया कोठी पहुंचा शव तो उमड़ा जन सैलाब

नैनी/कोरांव, बारा। अमृत विचार:  जिले की मेजा विधानसभा सीट दो लोकप्रिय बीजेपी विधायक रहीं नीलम करवरिया का बीमारी के चलते गुरुवार की देर रात निधन हो गया। उन्हें लिवर सिरोसिस की बीमारी को लेकर कुछ दिनों से हैदराबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने गुरुवार को उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया था, लेकिन उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ और देर रात अस्पताल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। 

उनकी दो बेटियां समृद्धि व साक्षी करवरिया और एक बेटा सक्षम है। उधर, उनके निधन की सूचना पर प्रयागराज समेत आस पास के जिलों से बड़ी संख्या में समर्थक उनके आवास पर पहुंचने लगे। उधर पार्थिव शरीर को लेकर परिवार के लोग मेजा विधानसभा पहुंचे। जहां लोगों ने अंतिम दर्शन किए। नीलम करवरिया, प्रयागराज की राजनीति में एक प्रभावशाली नाम थीं। वह काफी समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी थीं। उनके असमयिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। नीलम करवरिया का राजनीतिक सफर उल्लेखनीय रहा है। उनके पति उदयभान करवरिया भी बारा विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक रहे । वे जिले के लोगों के लिए समर्पित रही और उनके हितों की पैरवी करती रहीं।

उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों को प्राथमिकता दी और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर भी जोर दिया। उनके निधन की खबर से न केवल उनके समर्थक बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी दुख व्यक्त किया है। शुक्रवार देर शाम उनके कल्याणी देवी स्थित करवरिया कोठी में पार्थिव शरीर पहुंचा। जहां भारी हुजूम इकठ्ठा रहा। तमाम पदाधिकारी , समर्थक व अन्य राजनैतिक नेताओ ने उन्हें श्रृद्धांजलि दी। शनिवार सुबह उनका अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर किया जाएगा।

सीएम योगी व डिप्टी सीएम ने एक्स पर किया शोक व्यक्त

पूर्व विधायिका नीलम करवरिया के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर यह भी लिखा है कि नीलम करवरिया मृदुभाषी और जनप्रिय नेता रहीं। जो आज हम सबके बीच नही रही। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे और उनके परिवार को सहन शक्ति दे। 

नीलम ने पति, जेठ और देवर के जेल जाने के बाद संभाली राजनीतिक विरासत

जवाहर पंडित हत्याकांड में तीनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद नीलम करवरिया ने परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाला था। उन्होंने मेजा विधानसभा क्षेत्र में अपने पति की कर्मभूमि पर लोगों के सुख-दुख में हिस्सा लेते हुए लोगो के बींच काफी लोकप्रियता हासिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी।

पति उदयभान करवरिया मेजा से दो बार भाजपा से विधायक रह चुके हैं। जेठ कपिलमुनि करवरिया फूलपुर से बसपा के टिकट पर सांसद रह चुके हैं और देवर सूरजभान करवरिया भी विधान परिषद सदस्य रहे हैं। 2022 में नीलम सपा प्रत्याशी से कम अंतर पर चुनाव हार गईं थी। लेकिन क्षेत्र में उनकी मौजदूगी लोगों में लोकप्रियता बढ़ाती रही। जनता की समस्याओं को सुनकर उसका समाधान करती थीं।