उमस व फसल पर बारिश, पछुआ हवाओं का कहर : तेज हवाओं से धान की फसल को तगड़ा नुकसान

जलभराव से जूझे लोग, उमस से मिली निजात 

उमस व फसल पर बारिश, पछुआ हवाओं का कहर : तेज हवाओं से धान की फसल को तगड़ा नुकसान

बाराबंकी, अमृत विचार : गुरुवार की शाम से बदला मौसम एक साथ कई रंग लेकर आया। पछुवा तेज हवाओं और रिमझिम बारिश ने एक ओर भीषण उमस से बेहाल आमजन को सुकून का एहसास कराया। पारा लुढ़का और रात में लोग चादर ओढ़ने को विवश हुए। वहीं रात भर रुक रुक कर हुई बारिश व हवा ने धान की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया। खेत में लेटी फसल देखकर किसान ने माथा पकड़ लिया। उधर शुक्रवार को हुई बारिश के चलते शहर से लेकर गांव में जगह जगह जलभराव हुआ और लोगों को कीचड़ व गंदे रास्तों से होकर गुजरना पड़ा। 

एक दिन पूर्व भीषण उमस से लोग बिलबिला उठे थे। उन्हे जोरदार बारिश का इंतजार था। इंद्रदेव ने उनकी मुराद गुरुवार की शाम को पूरी कर दी। शाम घिरते ही आसमान काले बादलों से ढक गया। इसके बाद तेज हवाओं के साथ बरसी रिमझिम फुहारों ने माहौल खुशनुमा कर दिया। उमस से लोगों को छुटकारा मिला और वह इन फुहारों का मजा लेते नजर आए। बारिश के बाद पारा तेजी से नीचे की ओर लुढ़का तो पूरी रात रुक रूक कर बारिश होती रही।

आलम यह हुआ कि एसी कूलर बंद हो गए और पंखे की हवा में लोग चादर लेकर सोए। शुक्रवार को पूरे दिन आसमान बादलों से ढका रहा और रह रहकर बारिश होती रही। इस बारिश ने शहर में कई जगह जलभराव कर दिया और लोगों को कीचड़ से भरे रास्तों से होकर निकलना पड़ा। ग्रामीण इलाकों में भी जलभराव की समस्या आम रही तो हाईवे भी इससे बच नहीं सके। रामसनेहीघाट प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में बारिश के साथ हवा चलने से खेतों में धान की फसल गिर गई है। किसान नेता मायाराम यादव ने मुख्यमंत्री व डीएम से धान की फसल को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। गुरुवार की रात से तेज बारिश और हवाओं के झोंके से धान की फसल भूमि पर गिर गई।

फसल गिरने से धान का दाना खराब हो जाता है इसलिए फसल के नुकसान को लेकर किसानों की नींद उड़ गई है। बनीकोडर ब्लॉक के बेल्हा गांव, नारायण पुर भूडेहरी, पूरे कथिक, दिलौना, भेंदुवा, जेठबनी, मालिनपुर आदि गांवों में भी फसल जमीन छू गई। त्रिवेदीगंज प्रतिनिधि के अनुसार किसानों ने बड़े पैमाने पर अगैती धान की फसल की रोपाई की थी, जल्दी कटने वाली यह धान की फसलें लगभग तैयार हो चुकी थी। इसके पहले किसान अपनी फसलों की कटाई कर पाते, इंद्रदेव के कोप का शिकार हो गए। अकेले तेजवापुर पंचायत में दर्जनों एकड़ धान की फसल धराशायी हो गई। किसानों दिनेश चंद्र वर्मा, चंद्रकेत वर्मा गोविंद प्रसाद नवनीत वर्मा आदि का कहना है कि उन्होंने धान की अगेती फसल जो लगभग 100 दिनों मे पक कर तैयार होती है, टमाटर की रोपाई के लिए लगाई थी।