कासगंज : 75 वर्षों से चली आ रही रामलीला मंचन की परंपरा, 50 से अधिक गांवों की उमड़ती है भीड़

कासगंज : 75 वर्षों से चली आ रही रामलीला मंचन की परंपरा, 50 से अधिक गांवों की उमड़ती है भीड़

गंजडुंडवारा, अमृत विचार। धार्मिक सौहार्द एवं विशिष्ट संवाद शैली के कारण कस्बा की रामलीला दूर दराज तक विख्यात है। रामलीला महोत्सव समिति इस वर्ष भी अपनी 75 साल पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए 30 सितम्बर से 14 अक्टूबर तक भव्य रामलीला का मंचन करने जा रही है।इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए समित के अध्यक्ष विकास गुप्ता एवं अंकित चौहान सर्वजनो के सहयोग से तैयारियां को अंतिम रूप देने मे लगे हैं।इस लीला कार्यक्रम के साथ गत वर्षों की भांति 4 अक्टूबर को सैकडो आकर्षक झांकियो व बैंड बाजों के साथ भव्य श्री राम बारात के अतिरिक्त 12 अक्टूबर को विजय दशमी महोत्सव भी कस्बे के एच एन इंटर कालेज मे बखूबी मनाया जाएगा। इस भव्य कार्यक्रम के लिए रामलीला समिति एवं नगरवासियों से भी सहयोग लिया जाता है। इस रामलीला में करीब 10 से 15 लाख का खर्च वहन किया जाता है। समिति के अध्यक्ष विकास गुप्ता ने बताया श्री रामजी रामलीला कलामंच,फतेहपुर प्रयागराज के कलाकारों द्वारा 76 वां भव्य रामलीला मंचन किया जाएगा। 

अद्भत मंच पर विख्यात कलाकर करते है मंचन, आकाश मार्ग मे भी होता है मंचन
कस्बे के बीचो-बीच स्थित पंचायती बाग मे विशाल मैदान मे रामलीला मंचन के लिए विशाल मंच है। ऐसा मंच आस पास जिलों में भी नही है। इस मंच पर विख्यात कलाकारो द्वारा किए जाने वाला रामलीला का मंचन,आकाश मार्ग से संजीवनी बूटी लाए जाने,आकाश मार्ग से  सीताहरण व मंच पर लंका दहन का दृश्य कस्बे की गौरवमयी रामलीला मंचन की भव्यता को चांद लगाता है।ऐसे दृश्य आसपास जिले मे भी देखने को नही मिलते है।

ऐसे पड़ी रामलील मंचन की नींव
कस्बे के 114 वर्षीय वृद्ध पण्डित राममूर्ति बताते है रामलीला मंचन की नींव 1948 से पड़ी।शुरुआत मे मंचन कस्बे के नवयुवको द्वारा किया जाता था।उन्होने भी रामलीला के पात्रो की भूमिका उदा की थी।कोई राम तो कोई हनुमान की भूमिका निभाता था।रिहर्सल के बाद कस्बे के नवयुवक मंचन करते थे।उनके मंचन देखने को छोटे बच्चे सुबह से ही रामलीला मैदान मे जगह सुरक्षित करने मे लगे रहते थे।धीरे धीरे रामलीला मंचन भव्यता का रुप लेती गई। बाहर की विख्यात मंडली द्वारा मंचन का प्रारम्भ हो गया।इस बार भी 76 भव्य मंचन की तैयारी जोरो शोर से चल रही है।यह धार्मिक परम्परा कस्बे के लोगों के लिए गर्व की बात है। 50 से अधिक गांवो की उमड़ती है भीड,सुरक्षा के रहते है विशेष इंतजाम कस्बे में होने वाली रामलीला में सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किये जाते हैं। इसके लिए कमेटी के पदाधिकारीयो ने बताया कि इस रामलीला में कलाकारों का अभिनय देखने के लिए करीब 50 से अधिक गांव के लोग उमड़ते हैं।महिलाओ एवं पुरुषो को बैठने हेतु अलग अलग व्यवस्था होती है।

असमाजिक घटनाओं को रोकने के लिए रामलीला ग्राउंड मे पदाधिकारी निगरानी बनाए रहते है। वहीं कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि रामलीला महोत्सव को लेकर विशेष प्रबंध किए जाएंगे।साथ ही सिविल ड्रेस में महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मी की तैनाती कर असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाएगी। कानून व्यवस्था के साथ खिलबाड बर्दाश्त नही किया जाएगा।