NPS धोखा, तो UPS महाधोखा के नारों के साथ कर्मचारियों ने निकाला आक्रोश मार्च, सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग दोहराई
लखनऊ, अमृत विचार। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के आह्वान पर राजधानी लखनऊ में आक्रोश मार्च निकाला गया। आक्रोश मार्च में शामिल कर्मचारियों ने नारेबाजी की है।
दरअसल, देशभर में गुरुवार को कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension) की मांग को लेकर आक्रोश मार्च निकाला गया। इसी के तहत राजधानी लखनऊ (Lucknow) में हुये आक्रोश मार्च में रेलवे, डिफेंस, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, PWD सफाई कर्मी समेत कई विभागों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान कर्मचारियों ने एनपीएस/ यूपीएस (NPS/ UPS) के प्रति अपने गुस्से का इजहार किया, शिक्षक कर्मचारियों का कहना था कि हमारे भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। सभी लगातार नारे लग रहे थे एनपीएस यूपीएस वापस करो, पुरानी पेंशन बहाल करो, शिक्षक कर्मचारी एकता जिंदाबाद अर्द्धसैनिक बलो की पुरानी पेंशन बहाल की जाए। NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के अगुवाई में निकाले गये आक्रोश मार्च की शुरूआत बीएन सिंह की प्रतिमा से प्रारंभ होकर मार्च शहीद स्मारक पर समाप्त हुआ।
इस आक्रोश मार्च की सबसे बड़ी खासियत महिलाओं की भारी संख्या में उपस्थित रही। इस दौरान उनके परिवार के सदस्य भी साथ रहे। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि आम आदमी के बच्चे सरकारी नौकरियों में आते हैं, सरकारी नौकरी और पुरानी पेंशन उसकी सामाजिक सुरक्षा है और सरकार पूंजीपतियों के चक्कर में इस वर्ग के साथ अन्याय कर रही हैं। उनके साथ छल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि NPS/UPS के विरोध में आक्रोश मार्च निकाला गया। बड़ी संख्या में प्रदेश के शिक्षकों व कर्मचारियों ने तख्तियों पर NPS धोखा है तो UPS महाधोखा है जैसे स्लोगनों के माध्यम से मोदी सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।
लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक के पूर्व महामंत्री डॉ. राजेन्द्र वर्मा व ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रामेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि पेंशन शिक्षक व कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार है वह इसे लेकर रहेगा। राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार व उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम मूरत यादव ने कहा कि देश के 90 लाख कर्मचारियों के लिये UPS लाकर उनका भविष्य अंधकारमय कर दिया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय व नर्सेज संघ की अध्यक्ष लता सचान ने कहा कि देश के नेता 4-4 पेंशन लेते हैं लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों को एक भी पेंशन देने को तैयार नहीं। रेलवे से राघवेन्द्र सिंह, राकेश वर्मा तथा डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ नेता श्रवण सचान ने कहा कि आज देश व प्रदेश का पूरा कर्मचारी अटेवा के साथ है।
उप्र जल संस्थान के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र यादव, पीएसपीएसए के विनय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार निजीकरण समाप्त करे।अटेवा के महामंत्री डॉ नीरजपति त्रिपाठी व विशिष्ट बीटीसी एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सरकार हठधर्मिता त्याग कर पुरानी पेंशन बहाल करें अन्यथा जिस प्रकार लोकसभा के चुनावों में कर्मचारियों व शिक्षकों ने वोट फ़ॉर OPS की ताकत दिखाई है उसी प्रकार देश के कई राज्यों में होने वाले चुनावों में भी कर्मचारी अपनी ताकत दिखायेगा।
इस मार्च में अनुसचिवीय अधिष्ठान संघ के सुनील मिश्रा, योगेश वर्मा, केजीएमयू से शैलेन्द सिंह रावत, डॉ. रमेश चंद्र त्रिपाठी, विक्रमादित्य मौर्य, नरेंद्र कुमार , रजत प्रहरी, प्रेमचंद, पंकज गुप्ता, दयाशंकर, राकेश कुमार, सुनील वर्मा, विजय कुमार विश्वास, श्रीराम यादव, धीरेन्द्र, सुरेश प्रसाद, प्रदीप कुमार, मीना कुशवाहा, रमेरा कुमार, विवेक कुमार, संगीता, डॉ. वीना स्वामी, डा. इमरान, अजय सरोज, एपी यादव, डॉ. अब्दुल रहीम सचिन पाण्डेय, समेत कई कर्मचारी नेता व पदाधिकारीगण मौजूद रहे।
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