बरेली भूमि अधिग्रहण घोटाला: NHAI के दो पीडी समेत 18 अधिकारी-कर्मचारी दोषी

बरेली भूमि अधिग्रहण घोटाला: NHAI के दो पीडी समेत 18 अधिकारी-कर्मचारी दोषी

बरेली, अमृत विचार: सितारगंज हाईवे और रिंग रोड भूमि अधिग्रहण घोटाले की मंडलस्तरीय जांच में एनएचएआई के तत्कालीन परियोजना निदेशक (पीडी) बीपी पाठक के साथ अमित रंजन चित्रांशी को भी दोषी पाया गया है। कमेटी की रिपोर्ट में इसके अलावा वैल्युअर, साइट इंजीनियर, नोडल एजेंसी के जिला प्रतिनिधि और कई लेखपालों को भी घोटाले में भागीदार बताया गया है। मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने बुधवार को यह रिपोर्ट शासन को भेज दी।

जांच रिपोर्ट में कुल 18 नाम हैं। इसके अलावा चार भूमि अध्याप्ति अधिकारियों की भूमिका को भी संदिग्ध बताते हुए विशेषज्ञ एजेंसी से विस्तृत जांच कराने की सिफारिश रिपोर्ट में की गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि परिसंपत्ति के अधिक मूल्यांकन में मुख्य रूप से एनएचएआई के तत्कालीन पीडी अमित रंजन चित्रांशी, बीपी पाठक, संयुक्त सर्वे रिपोर्ट और संयुक्त मूल्यांकन रिपोर्ट देने के लिए एनएचएआई के साइट इंजीनियर पीयूष जैन, पारस त्यागी, एनएचएआई की ओर से नामित एजेंसी साईं सिस्ट्रा ग्रुप के जिला प्रतिनिधि उजैर अख्तर, एसए इन्फ्रा स्ट्रक्चर कंसलटेंसी लिमिटेड के जिला प्रतिनिधि राजीव कुमार, सुनील कुमार, शिवम सर्वेइंग सिस्टम, वैल्यूअर रविंद्र गंगवार, सुरेश कुमार गर्ग स्पष्ट रूप से दोषी हैं।

इसके अलावा गांव उगनपुर के तत्कालीन लेखपाल मुकेश कुमार मिश्रा, गांव अमरिया के लेखपाल विनय कुमार, गांव हुसैन नगर और सरदार नगर के दिनेश चंद्र, बिलहरा माफी के आलोक कुमार, मुड़लिया गौसू के मुकेश गंगवार, गांव हेतमडांडी के तेजपाल, गांव भैसहा के लेखपाल ज्ञानदीप गंगवार और विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय के तत्कालीन भूमि अर्जन अमीन अनुज वर्मा को भी दोषी बताया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएचएआई के पीडी कार्यालय की ओर 3ंए प्रकाशन की सूचना तहसील को देने के लिए पत्राचार किए जाने संबंधी अभिलेख प्राप्त नहीं हुए। इससे साफ है कि विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के साथ उनके कार्यालय की भी लापरवाही रही। इस आधार पर सेवानिवृत्त हो चुके विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी सुल्तान अशरफ सिद्दीकी, सिटी मजिस्ट्रेट बरेली के साथ विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के चार्ज संभालने वाले मदन कुमार एवं राजीव पांडेय और एडीएम न्यायिक के साथ विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी का कार्यभार देखने वाले आशीष कुमार की भूमिका संदिग्ध बताई गई है।

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