देहरादून: गर्भवती का शव निकाला जाएगा कब्र से बाहर, पोस्टमार्टम से खुलेगी मामले की कलई

देहरादून: गर्भवती का शव निकाला जाएगा कब्र से बाहर, पोस्टमार्टम से खुलेगी मामले की कलई

देहरादून, अमृत विचार। वसंत विहार क्षेत्र में गर्भवती महिला की हत्या की आशंका पर पुलिस कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम कराएगी। हत्या का आरोप महिला के ससुराल पक्ष के लोगों पर है। सुसराल वालों ने मायके पक्ष को बताया था कि महिला ने जहर खाकर आत्महत्या की है, लेकिन उन्हें सूचना मिली कि महिला को गला दबाकर मारा गया है। पुलिस ने ससुराल पक्ष के लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। अब प्रशासन से अनुमति लेकर महिला के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाएगा। ताकि, सच्चाई का पता चल सके।

इस मामले में मुमताज निवासी मोहल्ला मलकान बसी, किरतपुर, बिजनौर ने पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी फराह की शादी वर्ष 2011 में सलीम निवासी कांवली गांव, मनिहार मोहल्ला के साथ हुई थी। सलीम सऊदी में रहा था और दो साल पहले ही लौटकर आया है। वह फराह को खर्च नहीं देता था।

वह जो भी खर्च करती थी, उसकी मां ही उसे रुपये देती थी। आरोप लगाया कि फराह का ससुर, जरीफ, सास शहनाज, देवर शोएब, शाहरुख और फूफा सुहैल उसे लगातार परेशान करते रहते थे। सलीम को कई बार उन्होंने लाखों रुपये भी दिए थे। गत 18 सितंबर को रात एक बजे फराह के ससुराल वालों ने उनके दिल्ली के रिश्तेदार को बताया कि फराह ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है।


मुमताज के अनुसार उन्होंने पुलिस को सूचना देने के लिए कहा तो सलीम के फूफा ने उन्हें गुमराह किया। उन्हें शक हुआ कि कुछ न कुछ फराह के साथ गलत हुआ है। इसके बाद उन्हें उन महिलाओं का फोन आया, जिन्होंने फराह के शव को कब्रिस्तान ले जाने से पहले गुसल (स्नान) कराया था। उन महिलाओं ने बताया कि फराह के गले पर निशान था, जो कि किसी रस्सी का हो सकता है। उन्हें शक है कि उसका गला घोंटकर मारा गया है। फराह उस वक्त गर्भवती भी थी। लिहाजा, उसका बच्चा भी उसके साथ मर गया।

इस शिकायत पर पुलिस ने शक के आधार पर जरीफ, शहनाज, शोएब, शाहरुख और सुहैल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जांच के लिए शव का पोस्टमार्टम कराना आवश्यक है। लिहाजा, कब्र से शव निकालने की अनुमति के लिए जिला मजिस्ट्रेट को प्रार्थनापत्र दिया गया था। इस संबंध में अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन की ओर से अनुमति दे दी गई है। इस प्रक्रिया के दौरान तहसीलदार सदर को बतौर मजिस्ट्रेट उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।