रामपुर : लावारिस लाशों के 'वारिस' बन गंगा में करते हैं अस्थि विसर्जन, 72 घंटे तक किया जाता है इंतजार

इस वर्ष पितृ अमावस्या पर बृजघाट में विसर्जित करेंगे 39 लावारिस लोगों की अस्थियां, करीब 30 साल से लावारिश शवों का अस्थियों विसर्जन करा रही है श्मशान भूमि जीर्णोद्धार समिति

रामपुर : लावारिस लाशों के 'वारिस' बन गंगा में करते हैं अस्थि विसर्जन, 72 घंटे तक किया जाता है इंतजार

रामपुर, अमृत विचार। एक वर्ष में पुलिस ने 39 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराया लेकिन, पुलिस मृतकों की शिनाख्त नहीं करा पाई। इन शवों की अस्थियां एक वर्ष से अपनो का इंतजार कर रही हैं। इन लावारिस शवों के वारिस बनकर श्मशान भूमि जीर्णोद्धार समिति के सदस्य हर साल इनकी अस्थियों का बृजघाट स्थित गंगा में विसर्जन करते हैं। पितृ अमावस्या पर इस वर्ष भी कमेटी के पदाधिकारी बृजघाट में 39 लावारिस लोगों की अस्थियों का विसर्जन करेंगे, ताकि उन्हें मोक्ष मिल सके। जिनका कोई नहीं, उनका खुदा है यारो गीत की पंक्तियां शहर की श्मशान भूमि जीर्णोद्धार समिति पर बिल्कुल सटीक बैठती है। करबी 30 साल पूर्व बनी यह समिति अब तक करीब छह हजार लावारिस शवों की अस्थियों का विसर्जन करा चुकी है। 

समिति के अध्यक्ष राजीव कुमार मांगलिक ने बताया कि आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हर शख्स व्यस्त है। ऐसे में उनके पास गुम हुए अपनों को तलाशने तक का भी समय नहीं है। इसी के चलते तमाम लोग लावारिश हालत में दम तोड़ देते हैं। यह समिति ऐसे ही लावारिस लोगों की वारिस बनकर काम करती है। उनका पूरे विधि विधान से तर्पण किया जाता है। इसके लिए समिति के पदाधिकारी हर साल लावारिस लाशों की अस्थियों को कलश में एकत्र करके बृजघाट ले जाकर पतित पावनी गंगा में प्रवाहित करते हैं। स्वर्ग धाम में एक अक्टूबर 2023 से 23 सितंबर तक 39 लावारिस लोगों के शव पहुंचे थे। इनका अंतिम संस्कार लावारिस में किया गया था। इसके बाद इस उम्मीद के साथ इनकी अस्थियों को एक स्थान पर एकत्र करके रखा गया था कि शायद उनका कोई अपना इन्हें तलाशता हुआ पुलिस के पास पहुंच जाए। लेकिन एक वर्ष के इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया तो समिति पितृ अमावस्या पर इन सभी लोगों की अस्थियों को बृजघाट जाकर गंगा में विसर्जित करेगी। ताकि इन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

72 घंटे तक किया जाता है इंतजार
किसी शव की शिनाख्त न होने पर पोस्टमार्टम कराने के बाद भी 72 घंटे तक उसके परिजनों के आने का इंतजार किया जाता है। इसके बाद भी यदि कोई परिजन नहीं आता तो शव का उसके धर्म के अनुसार लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया है।

समिति अपने खर्च पर करती है लावारिस शवों का अंतिम संस्कार
स्वर्गधम नगर क्षेत्र का मुख्य अंत्येष्टि स्थल है। यहां लावारिस शवों की अंत्येष्टि समिति द्वारा अपने खर्च से कराई जाती है। लावारिस शवों की अस्थियों को प्रतिवर्ष पितृ अमावस्या पर विधि विधान से वाहन में रखकर बृजघाट ले जाते हैं। वहां पूरे विधान से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए नदी में प्रवाहित किया जाता है। एक अक्टूबर 2023 से 23 सितंबर तक 39 लावारिस शवों की अस्थियों को संजोकर रखा गया है।

अधिकांश लावारिस शव पुलिस द्वारा लाए जाते हैं। उनका अंतिम संस्कार समिति कराती है। इसके लिए विभाग द्वारा अंत्येष्टि का खर्चा भी दिया जाता है। इसके अतिरिक्त लावारिस व गरीब लोगों के शवों का अंतिम संस्कार भी समिति अपने खर्च पर कराती है।- राजीव कुमार मांगलिक, अध्यक्ष, श्मशान भूमि जीर्णोद्वार समिति

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