जघन्य हिंसा की शिकार पीड़िताओं पर सहायता राशि का मरहम

75 को मिल चुकी है सहायता राशि, 131 केस लंबित

जघन्य हिंसा की शिकार पीड़िताओं पर सहायता राशि का मरहम

रीतेश श्रीवास्तव, बाराबंकी, अमृत विचार। अत्याचार, दुष्कर्म या एसिड अटैक समेत किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के माध्यम से मदद दी जाती है। ऐसी पीड़ित महिलाओं को महिला सम्मान कोष के माध्यम से 3 से 10 लाख रुपये तक की मदद की जाती है। प्रदेश सरकार ने यह योजना सात जनवरी 2015 को शुरु की थी। तब से लेकर अब तक जिले में ऐसे 682 मामलों में सहायता राशि पाने के लिए ऑनलाइन केस पोर्टल पर फाइल हुए हैं। इनमें से अभी तक 75 पीड़िताओं को धाराओं के अनुसार निर्धारित धनराशि दी जा चुकी है। जबकि जिला स्तरीय कमेटी के पास अभी 131 केस लंबित पड़े हुए हैं। जबकि 359 केसों को अस्वीकार कर दिया गया है। 

ऐसी महिलाएं व बालिकाएं जो बलात्कार, एसिड अटैक जैसे कुकृत्यों का शिकार हो जाती हैं। ऐसी पीड़िताओं को आर्थिक और चिकित्सीय सुविधाओं का लाभ दिया जाता है। यही नहीं पीड़ित महिला के साथ उनके बच्चों के भरण पोषण एवं शिक्षा व चिकित्सा की जिम्मेदारी भी रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष से की जाती है। प्रदेश सरकार की रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना के तहत, हिंसा से पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को 3 से 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिलती है। इस योजना का मकसद, पीड़ित महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना में जिले की प्रगति पर नजर डालें तो वर्ष 2015 से लेकर अब तक योजना का लाभ पाने के लिए रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष पोर्टल पर 682 केस फाइल किए गए हैं। इनमें से जहां सीएमओ स्तर से 115 केस लंबित हैं। वहीं जिलास्तरीय कमेटी में शामिल डीएम, एसपी और सीएमओ द्वारा 359 केसों रिजेक्ट यानी अस्वीकार कर दिया गया है। बताया गया कि गाइडलाइन के अनुसार पीड़िता को लाभ पाने के मामले में मानक पूरा नहीं था। जबकि निर्धारित नौ धाराओं में शामिल 75 पीड़िताओं को 3 से 10 लाख रुपये तक मदद की गई है। यह कुल धनराशि करोड़ों में बताई गई है।

सबसे अधिक 304बी केस की पीड़िताएं

योजना के तहत धारा 304बी के तहत दहेज हत्या के मामले में सबसे अधिक 36 पीड़िताओं को सहायता राशि दी गई है। जबकि दूसरे नंबर पर पोक्सो एक्ट की पीड़िताएं शामिल हैं। सेक्शन 4 पोक्सो के तहत 21 पीड़िताओं को निर्धारित धनराशि मिली है। इस केस में वह नाबालिंग पीड़ितायें हैं जिनके साथ बैड टच के रुप में छेड़छाड की गई है। इसके अलावा सेक्शन 4/6 पोक्सो एक्ट के साथ 302 आईपीएसी  एक्ट के तहत एक तथा सेक्शन 6 की और 376 डी की धारा के तहत आठ पीड़िताएं शामिल हैं। जिन्हें धारा के अनुसार निर्धारित धनराशि मिली है।

धाराओं के आधार पर केसवार जिले की स्थिति

धारा----केसों की संख्या---सहायता राशि पाने वाली पीड़िता की संख्या
326A--2--1
304B--93--36
376A--7--0
376D--167--8
धारा 4/6 पॉक्सो--6--1
धारा 4 पॉक्सो--320--21
धारा 6 पॉक्सो--87--8

कुल--682--75

नोट- उक्त आंकड़े रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना पोर्टल से लिये गए हैं। कुल केसों में 359 मामले अस्वीकार कर दिये गए हैं। अन्य केसों की पत्रावलियां जांच की प्रक्रिया में हैं।


नौ धाराओं में निर्धारित सहायता राशि
1--376ए --तीन लाख
2--304बी--तीन लाख
3--376ए--दस लाख
4-- 376सी--तीन लाख
5--376डी--सात लाख
6--सेक्शन 4 पाेक्सो--तीन लाख
7--सेक्शन-6 पोक्सो--तीन लाख
8--सेक्शन-14 पोक्सो--दस लाख
9--सेक्शन 4 व 302--दस लाख

डीपीओ डॉ. पल्लवी सिंह रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष योजना के तहत जिलास्तरीय कमेटी के अनुमोदन के बाद पीड़िता को धाराओं के आधार पर सहायता राशि दी जाती है। 70 से अधिक पीड़िताओं को इसका लाभ दिया जा चुका है। 

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