रोज आ रहा लाखों का राजस्व, खस्ताहाल हो रहा Lucknow-Ayodhya Highway, हिचकोले खा रहे वाहन, NHAI को नहीं है फिक्र

जगह-जगह हाईवे की सड़क पर दरारें, एनएचएआई को नहीं है फिक्र

रोज आ रहा लाखों का राजस्व, खस्ताहाल हो रहा Lucknow-Ayodhya Highway,  हिचकोले खा रहे वाहन, NHAI को नहीं है फिक्र

बाराबंकी, अमृत विचार। लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर चलना खतरे से खाली नहीं है। यहां गड्ढे तो भर दिए गए हैं। मगर, सड़क एक जैसी बराबर नहीं है। जगह-जगह सड़क पर पैचिंग कार्य की पट्टियों की भरमार है। तो वहीं कई किलोमीटर तक हाईवे की सड़क दरार तक पड़ गए हैं। जिन्हें भरना जरुरी नहीं समझा जा रहा है।

ऐसे में तेज रफ्तार के दौरान गाड़ियां उछल जा रही हैं। इसमें यात्रियों की धड़कन बढ़ जाती है। कभी-कभी तेज हिचकोले लगने पर पीछे बैठे यात्री उछल तक जा रहे हैं। यह हाल तब है जब प्रतिदिन अहमदपुर टोल प्लाजा लाखों का राजस्व टैक्स के रुप में वसूल रहा है। लेकिन हाईवे की मरम्मत कराना जरुरी नहीं समझ रहा है। शहर से सटे अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर यदि आप सफर कर रहे हैं तो सावधान रहिए। कब कहां सड़क से ऊंचा कौन सा पैचिंग का टुकड़ा आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। तेज हिचकोल के साथ गाड़ी भी अनियंत्रित हो सकती है।

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सफेदाबाद से लेकर बाराबंकी की ओर ओन पर करीब पांच किलोमीटर की दूरी में दोनों लेन में कई पैच हैं। इनका सड़क से तालमेल नहीं है। यह सड़क से ऊपर बनाए गए हैं। अचानक वाहन का पहिया चढ़ने पर तेजी से झटका लग रहा है। यात्री अपनी सीट पर उछल पड़ रहे हैं। जबकि अच्छी सड़क पर चलने के बदले टोल प्लाजा पर फास्टैग से आपका खाता भी खाली कर लिया जा रहा है।

वहीं जिले की सीमा से गुजरे इस हाईवे के दोनों लेन में हाईवे की सड़क एक नहीं सौ से अधिक स्थानों पर टूट चुकी है या यूं कहें कि दरारें पड़ी हुई हैं। हाईवे का यह हाल तब है जब अहमदपुर टोल प्लाजा प्रशासन प्रतिदिन टोल टैक्स के नाम पर लाखों की वसूली कर रहा है। और बदले में चलने के लिए कमर दर्द बढ़ाने वाली सड़क दे रहा है। गड्ढे भरने के नाम पर खानापूर्ति कीज जा रही है। पैचिंग कार्यों की भरमार है। एनएचएआई मरम्मत के नाम पर सिर्फ पैचिंग का कार्य करा रही है। इस वजह से यात्रियों को धोखा खाना पड़ रहा है।

बारिश से बढ़ी थी गड्ढों की संख्या

लखनऊ-अयोध्या के बीच इधर गड्ढों की संख्या बढ़ गई थी। बारिश की वजह से जगह-जगह सड़क की गिट्टियां उखड़कर गड्ढों में तब्दील हो गई थी। फिर वह चाहे सफेदाबाद के पास का नजारा हो या रामसनेहीघाट का। बारिश के चलते हाईवे के नीचे मिट्टी बहने से सड़क हवा में लटकती जा रही थी। इस पर भी एनएचएआई द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा था। अमृत विचार ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया तो मरम्मत का काम शुरु किया गया अभी भी हाईवे की सड़क के नीचे कई जगह मिट्टी बहने के नजारे देखने को मिल जाएंगे।

यात्री बोले- समतल होना चाहिए हाईवे

हाईवे पर चलने वाले यात्री अरुण, मुकेश, सुनील कहते हैं कि हाईवे मानक के अनुुरूप समतल होना चाहिए। मरम्मत के नाम पर पैचिंग कोई विकल्प नहीं है। यह कहीं-कहीं जरुरी होता है। यदि सड़क ज्यादा खराब है तो उसका नवीनीकरण होना चाहिए। सुभाष वर्मा ने कहा कि एनएचएआई अच्छी सड़क पर चलने के बदले यात्रियों से नियमित टोल ले रही है तो उसे भी चमचमाती सड़क देने की शर्त पूरी करनी चाहिए। हम लोग दोहरा दंड झेल रहे हैं। टोल भी दे रहे हैं और चलने के लिए खराब सड़क मिल रही है।

हाईवे की मरम्मत कराई जा रही है इसे लेकर पेट्रोलिंग चल रही है। जहां गड्ढे या अन्य अवरोध का पता चलता है, वहां तत्काल पैचिंग कराके चलने लायक बना दिया जाता है। जरूरत के हिसाब से नवीनीकरण भी किया जाता है। इसके अलावा अगर कही पर दरारें हैं तो उसे भी सही कराया जाएगा...,सुभाष चंद्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआई।

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