अमरोहा: केरल के राज्यपाल बोले- 'हिंदी महज एक भाषा नहीं...भावना, संस्कृति व धरोहर है', 'हिंदी विश्व यात्रा और मैं' का किया विमोचन

अमरोहा: केरल के राज्यपाल बोले- 'हिंदी महज एक भाषा नहीं...भावना, संस्कृति व धरोहर है', 'हिंदी विश्व यात्रा और मैं' का किया विमोचन

मंडी धनौरा (अमरोहा), अमृत विचार। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि डॉ. यतीन्द्र कटारिया ने धनौरा जैसी छोटी जगह से दुनिया के देशों तक हिंदी का शंखनाद कर बड़ा काम किया है। एक लेखक और वक्ता के रूप में मॉरिशस, फिजी समेत अन्य देशों में भारत सरकार के शिष्टमंडल के सदस्य के रूप में हिंदी का परचम लहराया है, वह काबिले तारीफ है। 

उन्होने कहा कि वह डॉ. यतीन्द्र कटारिया को पुत्रवत स्नेह करते हैं और इसके चलते वह केरल से यहां पहुंचे हैं। कहा, हिंदी महज एक भाषा नहीं, एक भावना, संस्कृति, धरोहर है। विश्व पटल पर हिंदी हम हिंदुस्तानियों की पहचान भी है। 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस मना रहे हैं। क्योंकि इस दिन वर्ष 1949 में भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। 

हर साल यह दिन मनाने का उद्देश्य है हिंदी का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करना, आने वाली पीढ़ी को इस भाषा का महत्व समझाना, यह दिन हमें हिंदी भाषा के महत्व और इसकी समृद्ध विरासत की याद दिलाता है। यह एहसास कराता है कि हिंदी हमारे इतिहास, संस्कृति और हमारी पहचान का अटूट हिस्सा है। 
 
वह चांदपुर रोड स्थित ग्रांड सेलिब्रेशन बैंक्वेट हॉल में हिंदी दिवस पर हिंदी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। यहां कार्यक्रम के संयोजक डॉ. यतीन्द्र कटारिया व ब्लू बर्ड्स इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक राहुल अग्रवाल ने उनका स्वागत किया। 

इसके बाद राज्यपाल आसिफ मोहम्मद खान, संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष व एनटीए के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप जोशी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. किरण हजारिका, राज्य महिला आयोग की सदस्य अवनी सिंह, विधान परिषद के सदस्य वीरेंद्र सिंह ने डॉ. यतींद्र कटारिया की नई पुस्तक 'हिंदी विश्व यात्रा और मैं' का विमोचन किया। 

इस दौरान विधान परिषद के सदस्य वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदी वव भाषा है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक तकनीकी दुनिया तक, हर दौर में हमारी अभिव्यक्ति को सशक्त किया है। हिंदी ने हमें एकजुट किया है। राज्य महिला आयोग की सदस्य अवनी सिंह ने कहा कि इस दौर में ग्लोबल लैंग्वेज के पीछे भागते-भागते हमें अपनी मातृभाषा हिंदी का महत्व नहीं भूलना चाहिए। 

एनटीए के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार जोशी ने कहा कि डॉ. यतीन्द्र कटारिया कि हिंदी सेवा और साधना से वह प्रभावित हैं। विश्व हिंदी मंच के अध्यक्ष डॉ. यतीन्द्र कटारिया ने कहा कि मातृभाषा को मां की तरह सम्मान देते हुए आगे बढ़ाएं और हिंदी को राष्ट्रीय प्रतीक रूप में आत्मसात कर गर्व की अनुभूति करें। 

इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार, आबकारी आयुक्त अनुराग मिश्र, सुनील दीक्षित, कपिल त्यागी, चंद्रशेखर आजाद, राजकुमार टंडन, नरेंद्र कटारिया, धीरज त्यागी, डॉ. आदित्य चौहान, डॉ. इस्माईल सैफी आदि मौजूद रहे।

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