कानपुर: ट्रेन में यात्रियों की पिटाई से रेलवे कर्मी की मौत, हमसफर एक्सप्रेस में किशोरी से की थी छेड़खानी
लखनऊ ऐशबाग से कानपुर सेंट्रल तक कर्मी को पीटते लाए थे यात्री, विवेचना ऐशबाग थाने भेजी
कानपुर,अमृत विचार। बरौनी से नई दिल्ली जा रही 02563 हमसफर (क्लोन एक्सप्रेस) एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रहे रेलवे कर्मी प्रशांत कुमार (34) ने चलती ट्रेन में आधी रात किशोरी से छेड़खानी की तो यात्रियों ने लखनऊ ऐशबाग से लेकर कानपुर सेंट्रल तक उसे पीटा। इससे उसकी मौत हो गई। किशोरी की मां ने आरोपी के खिलाफ जीआरपी थाने में तहरीर दी है।
बुधवार को सरमस्तपुर, मुजफ्फरपुर बिहार का रहने वाला प्रशांत कुमार नई दिल्ली जाने के लिए सीवान से हमसफर में सवार हुआ था। जीआरपी के अनुसार बुधवार रात 11.30 बजे एम-1 कोच के सीट नंबर 12 से 15 पर सफर कर रहे एक परिवार की 11 साल की बेटी को उसने बहला-फुसलाकर अपनी सीट पर बैठा लिया था। रात में किशोरी की मां टायलेट गई तो उसने लड़की के साथ छेड़खानी की। इस पर वह रोने लगी। मां के टायलेट से लौटने पर किशोरी ने उनसे पूरी बात बताई। मां ने सफर कर रहे अपने पति, ससुर के साथ कोच के यात्रियों को जानकारी दी। इससे गुस्साए यात्रियों व परिजनों ने रेलवे कर्मी को दबोच लिया। तब तक ट्रेन लखनऊ के ऐशबाग पहुंच चुकी थी। यात्री उसे पीटते हुए कानपुर सेंट्रल तक लाए। परिजनों ने कंट्रोल को सूचना दी। ट्रेन गुरुवार सुबह 4.35 बजे जैसे ही सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर सात पर आई तो पुलिस आरोपी कर्मी को हिरासत में लेकर थाने ले गई। किशोरी की मां और परिजन भी थाने पहुंचे और मां की तहरीर पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। जीआरपी ने दोपहर में आरोपी को मेडिकल के लिए केपीएम अस्पताल भेजा, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जीआरपी प्रभारी ओमनारायण सिंह ने बताया कि आरोपी प्रशांत के चाचा आर सिंह गुरुवार सुबह शहर आए। इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई पूरी की गई। देरशाम पोस्टमार्टम करा दिया गया। किशोरी की मां की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ पाक्सो एक्ट और 74 भारतीय न्यायसंहिता के तहत मुकदमा दर्ज करके घटनास्थल ऐशबाग विवेचना भेज दी गई है।
ट्रेन से जिंदा उतरा, अस्पताल में मौत
छेड़खानी के आरोपी प्रशांत को जीआरपी ने ट्रेन आने के पांच मिनट बाद कोच से जिंदा उतारा था। प्रशांत प्लेटफार्म नंबर सात से जीआरपी थाने पैदल चलकर पहुंचा। जीआरपी इंस्पेक्टर ने पूछताछ की, तभी किशोरी की मां ने तहरीर दी। लिखापढ़ी और पूछताछ के बाद जैसे ही प्रशांत को गिरफ्तारी की बात पता चली तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। दोपहर 12 बजे एंबुलेंस उसे केपीएम अस्पताल ले गई। दोपहर 2.05 बजे डाक्टर सरोजनी सिंह ने मेडिकल किया। अस्पताल के डाक्टरों ने उसे दिन में 3.10 बजे मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों ने इसकी जानकारी पहले एसीपी कलक्टरगंज को दी थी।
जनरल टिकट पर एसी कोच में सफर कर रहा था
जीआरपी के अनुसार जांच में पता चला कि छेड़खानी का आरोपी प्रशांत जनरल टिकट पर क्लोन एक्सप्रेस के एम-1 एसी कोच में सफर कर रहा था। किशोरी के परिजनों ने जीआरपी को बताया कि टीटीई की ओर से उसे यह सीट मुहैया कराई गई थी।
मृतक आश्रित में मिली थी नौकरी
जीआरपी की जांच में पता चला कि छेड़खानी के आरोपी प्रशांत कुमार के पिता अरुण कुमार रेलवे कर्मी थे। सेवाकाल में उनकी मौत होने पर उसे मृतक आश्रित में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिली थी। वह मूलरूप से सरमस्तपुर बिहार का रहने वाला था।
यह भी पढ़ें: राम मंदिर आंदोलन में बलिदान हुए कोठारी बंधु की बहन का छलका दर्द, कहा- मेरे दोनों भाइयों की आत्मा को शांति नहीं...