छत्तीसगढ़: रिफाइनरी हादसे में मारे गये लोगों के परिवारों को 15-15 लाख रुपये मुआवजा
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में ‘एल्यूमिना रिफाइनरी’ में हॉपर गिरने की घटना में मारे गए चार श्रमिकों के परिजनों को कंपनी प्रबंधन द्वारा 15-15 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने यह भी निर्देश दिया है कि प्राधिकरण से अनुमति लिए बिना फैक्टरी अपना संचालन फिर से शुरू नहीं कर सकती।
उन्होंने बताया कि रविवार (आठ सितंबर) को जिले के रघुनाथपुर पुलिस चौकी के अंतर्गत सिलसिला गांव में मां कुदरगढ़ी मिनरल्स एंड रिफ्रैक्टरी प्राइवेट लिमिटेड में कोयले से भरा हॉपर गिरने से चार श्रमिकों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। फैक्टरी में बॉक्साइट को एल्यूमिना में परिष्कृत किया जाता है। एल्यूमिना का उपयोग एल्युमिनियम बनाने में किया जाता है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर सरगुजा जिलाधिकारी भास्कर विलास संदीपन ने घटना की जांच के लिए एक जांच दल का गठन किया था। जिलाधिकारी ने जांच दल के साथ बुधवार को फैक्टरी का दौरा किया और घटना का जायजा लिया।
जिलाधिकारी ने विज्ञप्ति में बताया, “कंपनी चार मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपये और घायलों को तीन-तीन लाख रुपये का मुआवजा देगी। कंपनी के अधिकारी बृहस्पतिवार को प्रशासन के अधिकारियों के सामने संबंधित व्यक्तियों को मुआवजा राशि सौंपेंगे।” उन्होंने कहा कि प्रशासन की अनुमति के बिना प्लांट का संचालन फिर से शुरू नहीं किया जा सकता। पुलिस ने मंगलवार को घटना के संबंध में एल्युमिना रिफाइनरी के महाप्रबंधक समेत छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
अधिकारियों ने बताया कि महाप्रबंधक राजकुमार सिंह, पर्यवेक्षक रंजीत चौधरी, उत्पादन प्रबंधक तेज मालानी, बॉयलर प्रभारी बीके मिश्रा, ठेकेदार विपिन मिश्रा, बॉयलर प्रभारी राकेश कुमार और कंपनी के अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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