बाराबंकी : लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर हाइवे पर रफ्तार भर रहे ई-रिक्शा व ऑटो

प्रतिबंध के बाद भी नहीं है डर, एआरटीओ व यातायात पुलिस मेहरबान, बड़े हादसों पर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार

बाराबंकी : लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर हाइवे पर रफ्तार भर रहे ई-रिक्शा व ऑटो

बाराबंकी, अमृत विचार । बड्डूपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार को रात एक ऑटो पर सवार पांच लोगों की कार की टक्कर से मौत हो गई। लखनऊ-महमूदाबाद हाईवे पर हुई इस दर्दनाक घटना में सभी की सांसे थम गईं। प्रतिबंध लगने के बाद भी ऑटो व ई-रिक्शा हाईवे पर क्षमता से अधिक सवारियां ढोकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, यह कोई एक हाईवे का मामला नहीं है। शहर से सटे अयोध्या राजमार्ग हो या बहराइच हाईवे या फिर हैदरगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे। लगभग सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर ई-रिक्शा और ऑटो द्वारा सवारियां ढोने का दस्तूर जारी है। एआरटीओ और पुलिस प्रशासन की मेहरबानी के चलते इन्हें कार्रवाई का डर नहीं है।

जिले भर में करीब सात हजार से अधिक ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। जबकि धीरे-धीरे ऑटो की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कुछ ई-रिक्शा और आटो तो लखनऊ एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत होकर जिले में दौड़ रहे हैं। मामला यह तक ही नहीं है यह दोनों प्रकार के छोटे वाहन हाईवे पर सवारियां ढोकर यात्रियों को यमराज के घर तक पहुंचाने में लगे हुए हैं। बड्ड़ूपुर थाना क्षेत्र में हुई घटना में भी एक आटो पर सवार क्षमता से अधिक सवारियां अपने घर लौट रही थी। जो लखनऊ-महमूदाबाद हाईवे पर एक तेज रफ्तार कार की टक्कर का शिकार हुई। इसी प्रकार एक नहीं कई ऐसी बड़ी घटनाएं हाईवे पर हुई हैं जिसमें प्रतिबंध के बावजूद ई-रिक्शा और आटो दूसरे वाहनों की भिड़त से यात्रियों की मौतें हुई है।

एआरटीओ द्वारा हाईवे पर सवारियां ढोने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं दिख रहा है। एआरटीओ सिर्फ बड़े वाहनों की चेकिंग और कमियां मिलने पर सीज व चालान की कार्रवाई तक सीमित है जबकि हाईवे पर सवारियां ढो रहे ई-रिक्शा और आटो पर मेहरबानी बनाए हुए हैं। शहर के रामनगर तिराहे पर एक नहीं दर्जनों ई-रिक्शा और आटो क्षमता से अधिक सवारियां भरकर हाईवे पर तोड़ते दिख रहे हैं। सवारियां भी बिना किसी डर के कम पैसे में जल्द घर पहुंचने की लालसा में इससे बेखबर रहते हैं। वहीं यातायात पुलिस भी इन पर मेहरबान है। ऐसे वाहनों पर कभी कभार ही चेकिंग कर खानापूर्ति करती है।

ई-रिक्शों ने चौपट कर दी शहर की यातायात व्यवस्था

तीन-चार साल से ई-रिक्शों ने शहर की यातायात व्यवस्था को बिगाड़ कर रख दिया है। इनके संचालन के लिए शहर में नौ रुट तय किए गए। ई-रिक्शा गलत रुट पर न चल सकें, इसके लिए दो सप्ताह तक अभियान चलाकर रंग पट्टिका लगाई गई। बस स्टेशन के पास रुट का बोर्ड लगाया गया। लेकिन इन रूटों का पालन एक दिन भी नहीं हुआ। धीरे-धीरे अधिकारी भी इसे भूल गए। सिर्फ कागज पर भी अभियान चलाकर एक दो पर कार्रवाई कर पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। एआरटीओ प्रशासन अंकिता शुक्ला ने बताया कि हाईव पर ई-रिक्श और आटो के संचालन पर प्रतिबंध है। समय-समय अभियान चलाकर हाईवे पर मिलने वाले ऐसे छोटे वाहनों पर कार्रवाई होती है। पहले भी हुई। यातायात पुलिस द्वारा भी कार्रवाई की गई है। जल्द ही अभियान चलेगा।

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