बाराबंकी: बारिश में नहीं झेल पाया सिल्हौर घाट पर बने पुल का एप्रोच, राहगीरों के लिए बनी मुसीबत

बाराबंकी: बारिश में नहीं झेल पाया सिल्हौर घाट पर बने पुल का एप्रोच, राहगीरों के लिए बनी मुसीबत

बनीकोडर/बाराबंकी, अमृत विचार। गोमती नदी के सिल्हौर घाट पर बने पुल का एप्रोच मार्ग पहली बरसात भी झेल नहीं पाया। पहली बारिश में ही जगह-जगह से धंस कर सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई। बारिश के कारण पटरी भी क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे पुल से आने जाने वाले राहगीरों के लिए खतरा और बढ़ गया है। 

बताते चलें कि दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र में सुबेहा मवई संपर्क मार्ग पर गोमती नदी के सिल्हौर घाट का पुल निर्माण के लिए सरकार ने 17 करोड़ 87 लाख की मंजूरी दी थी। कुल निर्माण की धनराशि जारी होने के बाद सेतु निगम द्वारा इसका निर्माण कराया गया था लेकिन निर्माण के कुछ माह बाद ही पुल पहली बारिश में जगह जगह बह गया। जो दुर्घटना को दावत दी रहा है। यह वही सिल्हौर घाट का पुल है। जिसके निर्माण के लिए ग्रामीणों ने भारतीय किसान यूनियन के नेता रहे स्व.मुकेश सिंह व स्व.संजय पाण्डेय, उदय नारायण पाठक की अगुवाई में जल सत्याग्रह कई दिनों तक चला था।

जल सत्याग्रह के दौरान किसान राजेंद्र वर्मा की मौत भी हो गई थी। बारिश के चलते इस पुल के निर्माण में काफी अनियमितताएं बरती गईं हैं। इस पुल से अयोध्या, गोंडा, सुल्तानपुर, रायबरेली, लखनऊ, अमेठी समेत अन्य पड़ोसी जनपदों का आवागमन मुश्किल हो गया है।

स्थानीय निवासी व किसान संगठन के युवा र्मोचा के पदाधिकारी शिवम पांडेय कहते हैं कि सेतु निगम द्वारा पुल निर्माण में घोर लापरवाही बरती गई है। जिसको लेकर लोगों में आक्रोश है। समय रहते कार्यदायी संस्था कार्य को सुधार ले अन्यथा अनशन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सीडीओ अ.सुदन ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है सेतु निगम के जिम्मेदार अधिकारियों से बात कर इसे सही कराया जाएगा।

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