लखीमपुर खीरी: बाघ की दहशत में मशाल जलाकर रात बिता रहे ग्रामीण, देखें Video

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Published By Deepak Mishra
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गोला गोकर्णनाथ (लखीमपुर खीरी) अमृत विचार। एक महीने में बाघ तीन लोगों की जान ले चुका है। बाघ की दहशत से हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया और अन्य गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। ग्रामीण मशाल जलाकर रात जागकर बिता रहे हैं। खेतों से वापस घर आते समय मशाल जलाकर निकल रहे हैं। रात में लाठी-डंडा लेकर गांव में खुद ही कॉम्बिंग कर रहे हैं। कई लोग एक साथ चलते हैं।

बता दें कि थाना हैदराबाद के गांव इमलिया में बाघ ने 27 अगस्त को गांव के अमरेश कुमार को हमलाकर उस समय मार डाला था। जब वह खेत में घास काट रहा था। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने युवक का शव सड़क पर रखकर वन कर्मियों का घेराव कर जमकर हंगामा कियचा था।

वन विभाग ने बाघ को पकड़ने को 24 कैमरे और दो कैमरे लगाए, लेकिन वह अब तक पकड़ से बाहर है। भयभीत ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा खुद ही संभाली है। गांव अजान के किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा, इमलिया के हरि शरण शुक्ला आदि का कहना है कि वन विभाग जिस तरह पिंजरे लगाकर बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रहा है। उससे बाघ पकड़ में आने वाला नहीं है। वनकर्मी जिस स्थान पर पिंजरे लगते हैं बाघ वहां से दूसरे स्थान पर चला जाता है।

ग्रामीणों का कहना है कि  अधिकारियों से आदेश कराकर जब तक बाघ को बेहोश करने वाली गोली नहीं मारी जाती तब तक वह पकड़ में आने वाला नहीं है। उनका आरोप है कि वन विभाग ने जो पिंजरे लगाए हैं उनमें ज्यादातर खराब है। बाघ की दहशत इस कदर फैली है कि लोग रात जाग कर बिता रहे हैं।

खेतों को जाते और वापस आते वक्त मशाल जलाकर निकल रहे हैं। अमरेश को मारने वाला बाघ अब तक वन विभाग की पकड़ में नहीं आया है। 24 कैमरे, दो पिंजरे और अधिकारियों की कॉम्बिंग के बाद विभाग को सिर्फ बाघ की तस्वीर मिली है। बताया जा रहा है कि बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है। कैमरे में तस्वीर कैद होने, खेतों में पगचिन्ह मिलने से पुष्टि होती है कि बाघ अब तक गन्ने में मौजूद है।

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