सैन्य अदालत ने म्यांमार के एक पत्रकार को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जानिए मामला

सैन्य अदालत ने म्यांमार के एक पत्रकार को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जानिए मामला

बैंकॉक। म्यांमार की एक सैन्य अदालत ने आतंकवाद निरोधी कानून के तहत दोषी ठहराते हुए एक स्थानीय पत्रकार को आजीवन कारावास और उसके एक सहकर्मी को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। मीडिया संस्थान के संपादक ने बुधवार को यह जानकारी दी। ऑनलाइन समाचार सेवा ‘दावेई वॉच’ के म्यो म्यिंट ऊ और आंग सान ऊ को दी गई सजा, फरवरी 2021 में सेना द्वारा आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीने जाने के बाद किसी भी पत्रकार को दी गई सबसे कठोर सजा मानी जा रही है। 

सेना द्वारा सत्ता हथियाने के बाद जनता का भारी विरोध देखा गया जिसके बाद से गृहयुद्ध जारी है। ‘दावेई वॉच’ के पत्रकार म्यो म्यिंट ऊ और आंग सान ऊ को पिछले दिसंबर में यांगून से लगभग 560 किलोमीटर दक्षिण में स्थित तटीय शहर म्यीक में उनके घरों से अलग-अलग गिरफ्तार किया था। सैन्य शासन ने उनके मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। 

मीडिया संस्थान ‘दावेई वॉच’ के मुख्य संपादक ‘क्याव सान मिन’ ने बुधवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि फरवरी में म्यीक जेल की एक सैन्य अदालत ने आंग सान ऊ को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी, तथा मई में उसी अदालत ने म्यो म्यिंट ऊ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन उन्हें आगे की जानकारी नहीं मिल सकी। मीडिया की स्वतंत्रता की वकालत करने वाले पेरिस के समूह ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के अनुसार म्यांमा, दुनिया में पत्रकारों को जेल में डालने वाले देशों में से एक है, पहले स्थान पर चीन आता है। 

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