Nabanna March: इंसाफ की लड़ाई में छात्रों की शामत आई, कोलकाता में हिंसक हुआ नबन्ना प्रोटेस्ट, पुलिस ने बरसाई लाठी
बंगाल, अमृत विचारः कोलकाता में हुए हादसे से देशभर में आक्रोश बना हुआ है। लड़कियों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। इसी को लेकर पश्चिम बंगाल में आज छात्रों ने 'नबन्ना अभियान' प्रदर्शन का ऐलान किया था, लेकिन इस रैली को रोकने के लिए सरकार ने पूरा जोर लगा दिया। रोड को ब्लॉक किया, प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस उन पर आंसू गैस के गोले दाग रही है, जगह-जगह बैरेकेटिंग की गई, लाठी चार्ज किया गया, लोगों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। सभी प्रदर्शनकारियों की मांग है कि ममता बनर्जी इस्तीफा दें, आरजी कॉलेज में डॉक्टर से साथ हुए हैवानियत के दोषी को फांसी की सजा दिलाए।
कोलकाता में दिल्ली का फॉर्मुला
रैली को रोकने के लिए कोलकत्ता में दिल्ली की झलक देखने को मिली। जैसा कुछ सालों पहले दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए किया गया। जगह-जगह लोहे की दीवार खड़ी की गई थी। ठीक ऐसा ही आज कोलकाता में हुआ।
लाठी चार्ज कर किया तितर-बितर
नबन्ना प्रोटेस्ट के लिए निकले छात्रों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दिया और आगे बढ़े। इस के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान प्रदर्शनबाजियों की ओर से पत्थरबाजी भी हुई है। पुलिस का कहना है कि छात्रों का प्रदर्शन गैरकानूनी है।
'अगर देश में कोई तानाशाह, तो वो ममता बनर्जी'
रैली रोकने को लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर हमला बोला। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि अगर देश में कोई तानाशाह है, तो वो तानाशाह ममता बनर्जी हैं। सच को लोगों के सामने आना चाहिए, जांच एजेंसी CBI को ममता बनर्जी और पुलिस कमिश्नर का पॉलीग्राफ टेस्ट करना चाहिए। सच को कभी दबाया नहीं जा सकता और सबसे बड़ी बात यह है कि ये लोग अपने पदों पर हैं और छात्रों को कुचल रहे हैं। संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस मुद्दे को जोरदार तरह से उठाया जाए जैसा कि आज उठाया गया है।
शांतिपूर्ण करना चाहते थे प्रदर्शन
छात्रों का कहना है कि वे बस शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते थे। वे बस छात्रा के लिए इंसाफ चाहते हैं। आपको बता दें कि इस प्रदर्शन का आयोजन रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय के एमए छात्र प्रबीर दास, कल्याणी विश्वविद्यालय के शुभंकर हलदर और सयान लाहिड़ी नामक छात्रों द्वारा किया गया है। इन छात्रों का कहना है कि उनका राजनीति से लेना-देना नहीं है, लेकिन उनकी मांग है कि ममता बनर्जी सीएम पद से इस्तीफा दें। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमें पुलिस ने क्यों पीटा? हमने कोई कानून नहीं तोड़ा। हम मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करने के लिए शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।
चार को किया गिरफ्तार
बंगाल पुलिस ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया कि एक राजनीतिक नेता उन चार छात्रों के बारे में झूठी कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि छात्र कल रात से लापता हैं। सच्चाई यह है कि कोई भी लापता नहीं है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि चारों छात्र आज नबन्ना अभियान के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की योजना बना रहे थे और हत्या की शाजिश रचने और हत्या की कोशिश में शामिल थे। उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर गिरफ्तार किया गया है और उनके परिवारों को सूचित किया गया है।
पुलिस पर फेंके पत्थर
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकी, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र भी घायल हुए हैं। वहीं पुलिस ने कहा कि समस्या तब बढ़ गई जब छात्र संगठन ‘पश्चिम बंग छात्र समाज’ और राज्य सरकार के असंतुष्ट कर्मचारियों के संगठन ‘संग्रामी जौथा मंच’ ने कोलकाता के अलग-अलग स्थानों से अपना मार्च शुरू किया।
इस बीच पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कोलकाता और हावड़ा में ‘नबन्ना अभियान’ रैली में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने वालों पर ‘बर्बर कार्रवाई’ की।शुभेंदु ने कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा ये बर्बरता नहीं रोकी गई तो पश्चिम बंगाल को ‘ठप’ कर दिया जाएगा।
एक्स पर हुए आक्रोशित पोस्ट
संदीप मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि ममता अली का आतंक। मजबूर और न्याय की गुहार के तहत शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन को ममता की पुलिस लाठी डंडे चला रही है!
ममता अली का आतंक 👇
— Sandeep Mishra (@Sandeep_chhote) August 27, 2024
मजबूर और न्याय की गुहार के तहत शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन को ममता की पुलिस
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रवि राज राना नाम के यूजर ने लिखा कि सुनो ममता बनर्जी और बंगाल पुलिस ये शेरों का काफिला है। ये लड़ाई नारी के सम्मान की है कोई भी तानाशाह मुख्यमंत्री या उसकी पुलिस
इन योद्धाओं को नहीं रोक सकती।
सुनो @MamataOfficial और @WBPolice ये शेरों का काफिला है
— Ravi Raj Rana Ji (@RaviRaj_rana_ji) August 27, 2024
ये लड़ाई नारी के सम्मान की है कोई भी तानाशाह मुख्यमंत्री या उसकी पुलिस
इन योद्धाओं को नहीं रोक सकती
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"हावड़ा ब्रिज" pic.twitter.com/V57phf5Azg
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