अयोध्या: अब अकेले नहीं रहेंगे राम, मां सीता भी होंगी विराजमान!
लखनऊ, अमृत विचार। अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में 22 जनवरी को ही विराजमान हो चुके हैं, लेकिन अब माता सीता के मंदिर निमार्ण का कार्य भी जल्द शुरू हो सकता है। माता सीता का मंदिर बनने के बाद प्रभु श्रीराम अकेले नहीं रहेंगे और भक्तों को भी राम के साथ सिया के दर्शन हो सकेंगे। इस अहम कार्य को शुरू कराने का श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम योगी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से मां जानकी की प्रतिमा लगाने का आग्रह किया था, जिसको श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मान भी लिया है। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पाया कि मां जानकी यानी की सीता माता का मंदिर बनेगा या फिर प्रभु श्रीराम के मंदिर में ही उनकी प्रतिमा रखी जायेगी।
बताया जा रहा है कि अभी तक राम मंदिर में मां सीता को विराजमान करने अथवा मां सीता मंदिर निर्माण की कोई योजना नहीं बनी थी। ट्रस्ट ने केवल सीता रसोई के निर्माण का निर्णय लिया था, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर मां सीता को विराजमान करने की तैयारियों को लेकर ट्रस्ट फैसला ले सकता है। ट्रस्ट ने इससे पहले माता अन्नपूर्णा के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराने की योजना बनाई थी, जिसकी आधार शिला रखी जा चुकी है।
बता दें कि इसी साल 7 अगस्त को अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व अन्य न्यासियों के साथ अहम बैठक की थी। बैठक में राम मंदिर की सुरक्षा और निर्माण सम्बन्धित विषयों पर विचार विमर्श किया था।
उस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे उच्च कोटि के संतों ने सुझाव दिया है कि अयोध्या के वैभव को निखारने व श्रीवृद्धि के लिए माता सीता के आशीर्वाद की जरूरत है, इसलिए उनका मंदिर श्रीराम जन्मभूमि परिसर में बनाया जाना चाहिए। महासचिव चंपतराय ने तभी इस प्रस्ताव को मान लिया था।
इस दौरान अयोध्या के ऐतिहासिक तथ्य की भी विवेचना की गयी, जिसमें विदेशी अक्रांताओं के मंदिर तोड़ कर बनाये गये बाबरी मस्जिद में सीता पाक का पत्थर लगाया जाने पर गहन चर्चा हुई, जिसमें यह बात भी सामने आई कि मंदिर पर मस्जिद निर्माण के दौरान विदेशी आक्रांताओं को भी मां सीता के नाम का सहारा लेना पड़ा था, अपनी इबादतगाह बनाते समय उसमें सीता पाक नाम का पत्थर लगाना पड़ा था।
ये भी पढ़ें- अयोध्या: शान से निकला चेहल्लुम का शाही जुलूस, अंजुमनों ने की नौहाख्वानी और सीनाजनी