हल्द्वानी: महिला अस्पताल में प्रसव की संख्या में आई गिरावट

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय महिला अस्पताल में हर माह होने वाले प्रसव की संख्या में भारी गिरावट आई है। इसका कारण अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं होना है। जिस वजह से गर्भवतियां डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) की ओर रुख कर रही हैं। 

जानकारी के मुताबिक महिला अस्पताल में पिछले वर्ष जुलाई माह में 414, अगस्त में 430, सितंबर में 460, अक्टूबर में 461 और नवंबर माह में 435 प्रसव हुए थे। इसके बाद अस्पताल में प्रसव की संख्या कम होने लगी। पिछले वर्ष दिसंबर माह में 353 प्रसव हुए थे। इस वर्ष जनवरी माह में 359, फरवरी में 320 और मार्च माह में 384 प्रसव हुए। इसके बाद प्रसवों की संख्या में और भी ज्यादा गिरावट आने लगी।

इस वर्ष अप्रैल माह में केवल 207, मई में 273, जून में 295 और जुलाई में 305 प्रसव हुए। इसकी बड़ी वजह अस्पताल में एसएनसीयू की सुविधा 24 घंटे नहीं होना है। जबकि एसटीएच में यह सुविधा है। जन्म के बाद जिन बच्चों की स्थिति गंभीर होती है, उन्हें एसएनसीयू में भर्ती करना पड़ता है।

ऐसे में ज्यादातर मरीज एसटीएच या निजी अस्पतालों में जा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि एसएनसीयू की 24 घंटे की सेवा अस्पताल के लिए बहुत जरूरी है। सीएमएस डॉ. उषा जंगपांगी ने बताया कि अभी अस्पताल में जो स्टाफ है, उससे केवल आठ घंटे के लिए ही एसएनसीयू चलता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पताल में छह लोगों का स्टाफ आना है, लेकिन अभी तक कोई नहीं आया है। गंभीर बच्चों को एसटीएच रेफर करना पड़ता है।

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