रुद्रपुर: Nurse Murder Case: एसआईटी ने चलाया वाइड एंड मेटल डिटेक्टर सर्च अभियान

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Published By Bhupesh Kanaujia
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रुद्रपुर, अमृत विचार। नर्स हत्याकांड में फैली आक्रोश की ज्वाला को शांत करने के लिए एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी की टीम ने घटनास्थल डिबडिबा यूपी जाकर सर्च अभियान शुरू किया। साथ ही वाइड एंड मेटल डिटेक्टर के जरिए हत्याकांड में और पुख्ता सबूत जुटाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। अब देखना यह है कि क्या जनता का संदेह सही था या फिर पुलिस का हत्याकांड का खुलासा। 

30 जुलाई से लापता वसुंधरा कॉलोनी निवासी एक नर्स का शव डिबडिबा यूपी स्थित एक खाली प्लॉट में पड़ा हुआ था। 8 अगस्त को शव बरामदगी के कुछ दिन बाद ही पुलिस ने बरेली के एक नशेड़ी धर्मेंद्र कुमार को हत्या का मुख्य आरोपी करार देते हुए खुलासा कर दिया। जिसको लेकर लोगों में आक्रोश की ज्वाला भड़क गई और सीबीआई जांच को लेकर आंदोलन का दौर शुरू हो गया।

जिस पर विराम लगाते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने दो एसपी, एक सीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया। त्वरित आदेश आते ही मंगलवार की शाम साढ़े चार बजे एसआईटी की टीम ने एक बार फिर वाइड और मेटल डिटेक्टर के जरिए घटनास्थल का मौका मुआयना किया।

साथ ही संजीदा तरीके से यह खोजने की कोशिश की जा रही है कि कहीं हत्यारोपी ने घटनास्थल पर कोई हत्या में प्रयुक्त हथियार को जमींदोज तो नहीं कर दिया था। यही नहीं एसआईटी की कोशिश यह भी है कि हत्याकांड में एक ही व्यक्ति शामिल था या फिर एक से अधिक तो नहीं थे। इन सभी संभावनाओं के आधार पर एसआईटी आधुनिक तकनीक, मैनुअल तफ्तीश और साक्ष्यों के आधार पर जवाब देने की तैयारी कर रही है।

सर्च अभियान में रही पुलिस की हर टीम
नर्स हत्याकांड की तफ्तीश के लिए गठित एसआईटी की टीम में जहां तेज तर्रार निरीक्षक, उपनिरीक्षक के अलावा एसओजी की टीम को शामिल किया गया है। वहीं घटनास्थल के मौका मुआयना में बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड, फॉरेंसिक टीम, सर्विलांस के एक्सपर्ट कार्मिकों को भी रखा गया है। इस दौरान यहां डॉग स्क्वायड ने घटनास्थल का मुआयना किया। वहीं बम निरोधक दस्ते ने जमींदोज विद्युत चुंबकीय तरीके से खोजबीन की। सर्च अभियान में एसआईटी को क्या मिला और क्या नहीं मिला। अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

 

इनसेट-

एसआईटी के सामने है कई चुनौतियां
रुद्रपुर। 30 जुलाई से लापता नर्स, 8 अगस्त को डिबडिबा यूपी के जंगलों में मिला सड़ा गला शव मिलने के बाद अभी एसआईटी के सामने कई चुनौतियां आने वाली हैं। कारण 30 जुलाई से लेकर 8 अगस्त बारिश-धूप का मौसम रहा था। ऐसे में कई ऐसे अहम साक्ष्य मिट चुके होंगे जिनको एसआईटी तलाश कर रही है । यही नहीं अभी तक पुलिस ने हत्यारोपी धर्मेंद्र से महज नर्स का एक मोबाइल बरामद किया था और अभी नर्स का दूसरा मोबाइल, पर्स, लूटे गए जेवर बरामद करना बाकी है। साथ ही हत्यारोपी की कहानी कहीं मनगढ़ंत तो नहीं। क्योंकि सवाल यह उठ रहे हैं कि हत्यारा एक नहीं, बल्कि दो से तीन हो सकते हैं। जिसका जवाब भी एसआईटी को देना होगा।

 

इनसेट-

क्षैतिज विस्तार एवं चुंबकीय है सर्च अभियान
रुद्रपुर। नर्स हत्याकांड को लेकर एसआईटी द्वारा चलाया गया सर्च अभियान क्षैतिज विस्तार यानी वाइड सर्च के साथ साथ विद्युत चुम्बकीय अभियान है। इन तकनीक का इस्तेमाल पुलिस हर बड़े व चर्चित अपराध होने के बाद करती है। इसमें बीडीएफ, डॉग स्क्वायड, फॉरेंसिक टीम के अलावा सर्विलांस, मैनुअल तफ्तीश, सीडीआर, सीसीटीवी जैसी तकनीक पर कार्य किया जाता है जो कि काफी हद तक सार्थक भी होती है।

 

कोट-

नर्स हत्याकांड यूपी का होने के बाद भी कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी के बाद हत्या में बदली वारदात की जांच की। साथ ही हत्याकांड का खुलासा करते हुए एक हत्यारोपी को गिरफ्तार भी किया। लेकिन मृतक के परिजनों ने कई बिंदुओं पर आशंका जताई थी। जिसके बाद एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी हर आशंका पर अपनी जांच करेगी। जिसके लिए एसआईटी के साथ बैठक कर आदेशित किया जा चुका है।
-मंजूनाथ टीसी, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर

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