Kanpur News: झकरकटी बस अड्डे में गड्ढे या गड्ढे में बस अड्डा...गड्ढों से बचने के लिए इधर उधर भागती बसें और साथ में सवारी

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Published By Nitesh Mishra
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पानी भरे गड्डों में बसों के पहिये पड़ते ही रंग बिरंगे हो जाते यात्री

कानपुर, अमृत विचार। शहीद मेजर सलमान खान अंतर्राज्यीय झकरकटी बस अड्डे मंं गड्ढे हैं या गड्ढे में बस अड्डा है, समझ नहीं आता। यहां बसें गड्ढों से बचने के लिए इधर उधर भागती हैं और वहां यदि कोई यात्री या परिवार खड़ा है तो वह गड्ढे में भरे बारिश के गंदे पानी से नहा उठता है। 

यात्रियों का मानना है कि झकरकटी बस अड्डे पर बड़े बड़े गड्ढों को भरा जा सकता है लेकिन परिवहन अधिकारी ये सोचकर बैठे हैं कि आज नहीं तो कल ये बस अड्डा पीपीपी मॉडल से बनेगा या फिर शिफ्ट होगा। इसलिए झकरकटी बस अड्डे पर मेहनत करने से क्या फायदा। 

यात्रियों का ख्याल रखना चाहिए 

झकरकटी बस अड्डे पर एसी प्रतीक्षालय था, उसका एसी भी काम नहीं करता, कहीं बैठने का ठिकाना नहीं है।- अनामिका

परिवहन विभाग यात्रियों को सुविधा देने के नाम पर भी प्रति यात्री टैक्स वसूलता है लेकिन न तो बस अड्डे पर और न ही बस में कोई सुविधा होती है।- निशात मलिक 

बस अड्डे से उद्घोषणा तो होती रहती है कि प्लेटफार्म नंबर फलां से कहां की बस जायेगी लेकिन पूरे बस अड्डे पर कोई प्लेटफार्म नहीं है।- मोहम्मद शाहिद 

कौन सी बस कितने बजे जाती है, कोई समयसारिणी नहीं है, किसी बस का कोई समय नहीं है, जब बस आ जाये तो समझ लो बस आ गई।- कैसर

क्या बोले अधिकारी…

झकरकटी बस अड्डे की शिफ्टिंग पर विचार चल रहा है। पहले पीपीपी मॉडल के तहत यहां आधुनिक भवन बनना था। गड्डों को जल्द भरा दिया जायेगा।- महेश कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, झकरकटी बस अड्डा

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