डबल ट्रैप के दिग्गज निशानेबाज पीटर विल्सन ने भारतीय निशानेबाजी कोच पद के लिए किया आवेदन

डबल ट्रैप के दिग्गज निशानेबाज पीटर विल्सन ने भारतीय निशानेबाजी कोच पद के लिए किया आवेदन

नई दिल्ली। ग्रेट ब्रिटेन के महान डबल ट्रैप निशानेबाज पीटर विल्सन ने भारतीय टीम को कोचिंग देने में रुचि दिखाई है और उनका लक्ष्य 2028 लॉस एंजिल्स खेलों के लिए निशानेबाजों को प्रशिक्षित करना है। लंदन ओलंपिक 2012 में सबसे कम उम्र तें डबल ट्रैप स्वर्ण पदक विजेता बने विल्सन की देख रेख में हाल ही में पेरिस ओलंपिक में ग्रेट ब्रिटेन के नाथन हेल्स ने शीर्ष स्थान हासिल कर इस स्पर्धा में अपने देश के 12 साल के पदक के सूखे को खत्म किया था। इस 37 वर्षीय निशानेबाज के नाम डबल ट्रैप में विश्व रिकॉर्ड है। वह क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन स्नो-बोर्डिंग दुर्घटना के बाद उन्होंने निशानेबाजी शुरू कर दी। 

विल्सन ने इंग्लैंड से कहा,  मैंने अपना ‘बायोडाटा’ भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) को भेज दिया है और मुझे अब उनके जवाब का इंतजार है। उन्होंने कहा, मैं सीनियर टीम के साथ काम करके उन्हें लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों और जूनियर टीम को अगले आठ से 12 वर्षों के लिए तैयार करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य सफलता है और उन्हें भारत में काम करने में कोई परेशानी नहीं आयेगी। 

इस दिग्गज निशानेबाज ने कहा,  एशियाई खेल, विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप जैसे आयोजन ओलंपिक पदक जीतने के लक्ष्य की दिशा में एक कदम है और वह इन आयोजनों में बेहतर नतीजे देने की कोशिश करेंगे। विल्सन को ‘मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर (एमबीई)’ से सम्मानित किया जा चुका है। भारत के पास काफी समय से विदेशी ट्रैप कोच नहीं है और पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले अधिकांश निशानेबाजों ने अपने निजी कोच की मदद ली थी। इटली के मार्सेलो ड्राडी आखिरी ट्रैप कोच थे जिन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण और एनआरएआई ने नियुक्त किया था। 

एनआरएआई के महासचिव सुल्तान सिंह ने कहा, ‘‘उन्होंने आधिकारिक ई-मेल आईडी पर ‘बायोडाटा’ मेल किया होगा। हमने अभी तक अंतिम तारीख पर फैसला नहीं किया है। लेकिन, हां इसे जल्द से जल्द करना होगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या 14 सितंबर को एनआरएआई अध्यक्ष के चुनाव से पहले कोच का चयन हो जायेगा, सिंह ने कहा, ‘‘आम तौर पर यह अध्यक्ष के कार्यभार संभालने बाद होना चाहिए लेकिन अगर उससे पहले जरूरत हुई तो हमें चयन समिति का गठन करना होगा। यह टीम की आवश्यकता पर निर्भर है।

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