कासगंज: मेघों पर टिका है काली नदी का जीवन, झमाझम बारिश से मिलती है संजीवनी
गुड्डू यादव (आर्येंद्र), कासगंज। दक्षिणी दिशा से होकर गुजर रही काली नदी की जिंदगी मौसम पर टिकी है। झमाझम वर्षा होने से ही यहां पानी की शुद्धता बढ़ती है और ऑक्सीजन का स्तर संतुलित होता है। लेकिन वर्षा न होने से ऑक्सीजन का संतुलन बिगड़ जाता है। तीन साल पहले कम वर्षा होने से यहां जलीय जीवों की जान खतरे में पड़ी और हजारों मछलियां मरकर उतरा गईं। इस बार भी अपेक्षित वर्षा नहीं हो रही है। इससे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चिंतित हैं।
वैसे तो काली नदी को नया जीवन देने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है। लेकिन बुलंदशहर और अलीगढ़ की औद्योगिक इकाइयों से बह कर आ रहा कचरा यहां के पानी में जलीय जीवों का दम घोंट रहा है। कचरे से ऑक्सीजन का स्तर कई बार बिगड़ चुका है। इसके अलावा अपेक्षित वर्षा न हो, तब तब यहां ऑक्सीजन का स्तर असंतुलित हो जाता है।
तीन साल पहले भी ऐसा ही हुआ था। मॉनसून सत्र में जुलाई माह में अपेक्षित वर्षा नहीं हुई और हजारों मछलियां मर कर पानी में उतरा गईं। इसके अलावा लगभग छह महीने पहले भी काली नदी के पानी में ऑक्सीजन का लेवल असंतुलित हुआ और तब भी हजारों मछलियां मर गईं। जलीय जीवों की जान के लिए खतरा बना रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों ने जांच में पाया कि यहां ऑक्सीजन का स्तर गड़बड़ा गया था।
उस समय नहर विभाग के अधिकारियों से सहयोग मांगकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने हजारा गंग नहर से शुद्ध पानी काली नदी में छुड़वाया। इसके बाद ऑक्सीजन का स्तर संतुलित हुआ। अब इस बार जुलाई में अपेक्षित बारिश नहीं हो रही है। इससे काली नदी के पानी को शुद्ध रखना चुनौती बन सकता है।
आंकड़ों की नजर में
100 मिलीग्राम प्रति लीटर तक होनी चाहिए काली नदी के पानी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड
105 मिलीग्राम प्रति लीटर फिलहाल है पानी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड का स्तर
12 मिलीग्राम प्रति लीटर तक है पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन
10 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होनी चाहिए पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन
300 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होनी चाहिए पानी में केमिकल ऑक्सीजन डिमांड
300 मिलीग्राम प्रति लीटर तक फिलहाल है केमिकल ऑक्सीजन डिमांड लेवल
तीन साल पहले जुलाई में 289 मिली मीटर से अधिक वर्षा हुई थी। पिछले साल जुलाई में लगभग 100 मिलीमीटर वर्षा हुई है। वर्षा से पानी में सीओडी, बीओडी और डीओ संतुलित होती है। यदि वर्षा अपेक्षित न हो तो इन तीनों का संतुलन बिगड़ जाता है तो समस्या होती है। फिलहाल ऑक्सीजन का स्तर कुछ हद तक संतुलित है। -केके शर्मा, लैब टेक्नीशियन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अलीगढ़
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