बरेली: हाईटेंशन लाइन टूटकर गिरी, नामकरण में शामिल होने आईं मां-बेटी की मौत
बरेली/बहेड़ी, अमृत विचार। थाना बहेड़ी क्षेत्र के गांव सकरस में ननद के बेटे के नामकरण में शामिल होने आईं मां-बेटी की हाईटेंशन लाइन टूटकर गिरने से मौत हो गई। घटना से नाराज गांव के लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों में लोगों को समझाकर शांत किया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे। परिजनों ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ तहरीर दी है।
गांव सकरस में आकाश कश्यप के बेटे का नामकरण था। इसमें शामिल होने के लिए देवरनिया के गांव चुबकिया निवासी राजपाल उर्फ दयाराम की पत्नी आरती (32) अपनी 10 साल की बेटी तनु के साथ शामिल होने आई थीं। मां-बेटी कार्यक्रम के बाद किसी से फोन पर बात करने छत पर गईं थी।
इसी दौरान छत के ऊपर से गुजर रही 11 हजार बोल्ट की लाइन का तार तनु के ऊपर टूटकर गिर गया। बच्ची को बचाने के लिए आरती दौड़ीं तो वह भी चपेट में आ गईं और दोनों की मौत हो गई। हादसे से नाराज परिजनों और गांव वालों ने प्रदर्शन किया। लोग जिलाधिकारी के मौके पर आने के बाद ही शव उठाने की जिद कर रहे थे। एसडीएम रत्निका श्रीवास्तव और सीओ बहेड़ी अरुण कुमार सिंह ने परिजनों को समझाकर शांत किया।
एक्सईएन चमन प्रकाश और एसडीओ अमित गंगवार और प्रेम चंद यादव ने मुआवजे और लाइनमैन ओमप्रकाश को तत्काल प्रभाव से हटाने का आश्वासन दिया। एसडीएम रत्निका श्रीवास्तव ने बताया कि बीएसए से वार्ता के बाद वह आरती के बच्चों की बेहतर पढ़ाई का इंतजाम करेंगी। इसके अलावा भी परिवार की मदद की जाएगी।
पूरन लाल के दोनों बेटे दयाराम और कैलाश मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। करीब पांच दिन पहले कैलाश की आंखों की अचानक रोशनी चली गई। कई जगह इलाज कराने के बाद भी फायदा नहीं हुआ। पालिकाध्यक्ष के पति अजय जायसवाल उर्फ बाबी ने गांव पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया।
छह दशक पुरानी है हाइटेंशन लाइन
सकरस गांव में हाइटेंशन लाइन वर्ष 1965 में डाली गई थी। अब तार जर्जर हो चुके हैं। पिछले कुल बरसों में करीब पांच लोग तार टूटने या करंट की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। लोगों ने बताया कि गुरुवार रात भी तार टूटकर जमीन पर गिर गया था, जिसे लाइन मैन को बुलाकर ठीक कराया गया। लोगों ने हाइटेंशन लाइन को हटाने की मांग की। अधीक्षण अभियंता ग्रामीण ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि उनके स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की जानकारी भी उनके संज्ञान में नहीं है।
महिला और उसकी बेटी की हादसे में मौत हुई है। गांव में लोगों ने बिजली लाइन के नीचे मकान बना लिए हैं। संविदा कर्मचारी ओमप्रकाश को काम से हटा दिया गया है। पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। -चमन प्रकाश ,अधिशासी अभियंता बहेड़ी