रुद्रपुर: अश्लील ऑडियो प्रकरण का जिन्न एक बार फिर बाहर...पीड़िता बोली थाना प्रभारी ने नहीं की कार्रवाई

रुद्रपुर: अश्लील ऑडियो प्रकरण का जिन्न एक बार फिर बाहर...पीड़िता बोली थाना प्रभारी ने नहीं की कार्रवाई

रुद्रपुर, अमृत विचार। अश्लील ऑडियो प्रकरण का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल गया है। जिसको लेकर अश्लील ऑडियो की शिकायतकर्ता ने अपनी बहन के साथ प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि वर्ष 1998 से उनका पड़ोसी यादव परिवार से विवाद चल रहा था। कई बार परिवार पर हमला हुआ, लेकिन किच्छा के पूर्व विधायक की शह पर थाना पंतनगर प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की, उल्टा पिता-बहन को ही युवती आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए जेल भेज दिया था।

शुक्रवार को प्रेस वार्ता में पीड़ित बहनों का कहना था कि जुलाई 2023 में युवती द्वारा आत्महत्या की थी। उस वक्त परिवार गांव गया हुआ था। सुसाइड नोट में रेप, मारपीट व प्रताड़ना का कोई जिक्र नहीं था, जबकि पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आरोपी साबित करने में जुटे रहे। उन्होंने आशंका जताई कि युवती का शायद प्रेम प्रसंग रहा होगा। जिस कारण युवती ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। 29 जुलाई को फिर पूर्व विधायक-थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह डांगी ने झूठा मुकदमा लगाकर बहन को जेल भेज दिया। जब अत्याचार बढ़ता गया तो थाना प्रभारी ने उसकी बहन से अश्लील बातचीत कर शोषण करना शुरू कर दिया।

जब आवाज उठाई तो फिर पूर्व विधायक शुक्ला थाना प्रभारी को बचाने की कोशिश करने लगे। कारण आरोपी परिवार शुक्ला के साथ मिलकर प्रॉपर्टी का काम करता है। पूर्व विधायक मृतक युवती को दलित बताते हुए दुष्प्रचार करने लगे, जबकि सत्यता यह है कि आरोपी यादव परिवार है और ओबीसी की श्रेणी में आते हैं। अश्लील ऑडियो प्रकरण जब चर्चा में आया तो पुलिस ने उसके व परिवार के साथ हुई घटनाओं के बावजूद हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर खाना पूर्ति की। पीड़ित बहनों का आरोप था कि जमानत व कार्रवाई के बाद वर्तमान में भी पूर्व विधायक का लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है और आरोपी परिवार आते-जाते परेशान कर रहा है। उन्होंने ऐलान किया कि अब अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है और जल्द ही पुख्ता सबूत के साथ जगजाहिर किया जाएगा।

अश्लील ऑडियो प्रकरण के आरोपी थाना अध्यक्ष को लेकर वह खुद एसएसपी से मिलकर कार्रवाई की मांग की थी। वहीं आरोपी परिवार पिछड़ा वर्ग एससी में आता है। साथ ही युवती सुसाइड नोट के आधार पर ही आरोपियों को जेल भेजा गया था। जिसके बाद किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने धरना प्रदर्शन कर दबाव बनाया। आत्महत्या के आरोपी परिवार को बचाने की कोशिश की और उल्टा मुकदमा दर्ज करवाया। पीड़ित बहनों की ओर से लगाया गया आरोप बेबुनियाद है।  

-राजेश शुक्ला, पूर्व विधायक, किच्छा