15 बुजुर्गों को मृत दिखाकर रोक दी वृद्धावस्था पेंशन, अफसरों के चक्कर काट रहे पेंशनधारक

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Published By Jagat Mishra
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करनैलगंज/गोंडा, अमृत विचार। वृद्धावस्था पेंशन के 15 लाभार्थियों को मृत दिखाकर उनकी पेंशन रोकने का मामला सामने आया है। आरोप है कि ग्राम पंचायत के सचिव ने सत्यापन के दौरान यह कारनामा किया है। सत्यापन रिपोर्ट में 15 जीवित पेंशनधारकों के मृतक होने की रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को भेजी गयी है। रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने इस बुजुर्गों की पेंशन रोक दी। इन बुजुर्गों में महिला पेन न धारक भी शामिल हैं। अब बुजुर्ग अपनी पेंशन के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। 

ग्राम पंचायत करनैलगंज ग्रामीण के रहने वाले  रामकुमार मौर्य ने बताया कि उनके गांव के जिन बुजुर्ग लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन मिल रहा था, उन्हे एक साल पहले मृतक‌ दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी गयी। जिन लोगों की पेंशन रोकी गयी है उनमें करनैलगंज ग्रामीण निवासी चंद्रकली, जुगरा, छबिलाल, जन्नतुल निशा, कैलाश सिंह, आशिया, गंगाराम, हृदयराम, सरोज देवी, बसंती देवी, सुषमा देवी, भानमती, प्रेम कुमार, नसीम और ननकऊ शामिल हैं। सभी लाभार्थियों का कहना है कि वह जीवित हैं और उन्हे मृत दिखा दिया गया। सत्यापन कर रहे सचिव ने गांव में आने के बजाय बाहर ही बैठकर सत्यापन रिपोर्ट तैयार कर ली। इस लापरवाही से 15 बुजुर्गों को अपनी पेंशन से हाथ धोना पड़ा। 

शिकायत कर्ता ने तहसील दिवस में उपस्थित डीएम नेहा शर्मा को पूरा वाकया बताया। डीएम ने मामले की  जांच का आदेश दिया है। वहीं खंड विकास अधिकारी जेएन राव का कहना है की अभी यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि प्रार्थना पत्र मिलता है तो जांच कराई जाएगी। ,

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