रायबरेली: तो क्या बंग्लादेशी घुसपैठियों के लिए बना दिए हजारों निवास प्रमाणपत्र, अब एटीएस के बाद एनआईए सक्रिय

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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लखनऊ, अमृत विचार। रायबरेली के सलोन स्थित पाल्हीपुर में 19 हजार के करीब निवास प्रमाणपत्र बन जाना सामान्य घटना नहीं है। यह देश को अस्थिर करने की एक सुनियोजित योजना लगती है। नींद में रहा रायबरेली प्रशासन उस समय जगा जब केरल की सुरक्षा एजेंसी के साथ देश की कई सुरक्षा एजेंसियों ने इस गांव में चहलकदमी शुरू कर दी।

इस घटना के तार प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं। खुलासे की धुंधली शुरुआत तबसे हुई जब असम की जेल में बंद एक कथित पीएफआई सदस्य की आईडी में सलोन के पाल्हीपुर गांव के नाम का जिक्र मिला और केरल की सुरक्षा एजेंसियां पाल्हीपुर गांव पहुंची।

विधायक ने भांप लिया था हालात, एसीएस के फोन के बाद शुरू हुई कार्रवाई

सलोन विधायक अशोक कुमार को घटना का अंदाजा उसी समय लग गया था, जब केरल की सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ शुरू की थी। विधायक ने शक के आधार पर पहले रियाज नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कराने का प्रयास किया, लेकिन बीडीओ और एसडीएम ने उस समय घटना की संवेदनशीलता नहीं समझी। 

रियाज जो कि ग्राम पंचायत अधिकारी विजय यादव के आईडी पर लगातार निवास प्रमाणपत्र बना रहा था, के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था। बाद में विधायक स्वयं कोतवाली पहुंचे और मौके पर बीडीओ से विजय यादव और रियाज के खिलाफ तहरीर मंगाई और एफआईआर दर्ज कराया।

उन्होंने डीएम, एसपी के अलावा एटीएस, एनआईए जैसी सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया और पूरा प्रकरण अवगत कराया। एसएचओ द्वारा असहयोग करने पर फटकार भी लगाई। उन्होंने बताया कि इस घटना के प्रति स्थानीय प्रशासन का रवैया पता नहीं क्यों बहुत लचीला था। हालांकि जब शासन स्तर पर सूचना पहुंचाई गई तब जिला प्रशासन मुस्तैदी से सक्रिय हुआ।

कहां से हुई चूक

जानकारी के मुताबकि ग्राम विकास अधिकारी विजय सिंह यादव उसी क्षेत्र में जीशान के घर पर किराए पर रहता था। विजय के मोबाइल पर ही ओटीपी आती थी। नासमझी में विजय ने जीशान को ओटीपी बता देता था। सूत्रों के मुताबिक जीशान प्रत्येक प्रमाणपत्र के लिए उसे रिश्वत देता था, जिसे पाकर वह खुश हो जाता था। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि इसकी आड़ में देश विरोधी गतिविधियां चल रही हैं। हजारों की संख्या में अवैध प्रमाणपत्र जारी होकर गंतव्य तक पहुंच चुके हैं। एटीएस और एनआईए ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। सभी रिकॉर्ड जांच के लिए मंगाए जा रहे हैं।

इसमें अब कोई शक नहीं है कि यह सभी प्रमाणपत्र घुसपैठियों के लिए बनाए गए हैं। 3 दिन तक प्रयास करता रहा फिर जाकर कार्रवाई शुरू हुई। मैं विभिन्न जांच एजेंसियों में कार्यरत रहा हूं। काफी प्रयास के बाद जांच शुरू करा पाया हूं। सलोन में जो कांड हुआ है वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ी साजिश है। मैं सुरक्षा एजेंसियों के लगातार संपर्क में हूं.., अशोक कुमार, विधायक, सलोन।

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