पीलीभीत: गोशालाओं की बदहाली करा रही थी फजीहत...अब लापरवाही मिली तो नपेंगे प्रधान, अधिकार होंगे सीज

पीलीभीत: गोशालाओं की बदहाली करा रही थी फजीहत...अब लापरवाही मिली तो नपेंगे प्रधान, अधिकार होंगे सीज

पीलीभीत, अमृत विचार। गोशालाओं की लगातार उजागर हो रही बदहाल तस्वीरों के बाद अब डीएम सख्त हुए हैं। निचले स्तर पर जिम्मेदारी तय कर दी गई है। ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अब अगर जनपद की किसी भी गोशाला में आश्रित गोवंश के लिए हरे चारे की कमी या फिर मृत होने के बाद पशु के शव दफनाने में लापरवाही सामने आई तो सख्त एक्शन लिया जाएगा। संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान के अधिकार सीज किए जाएंगे।  

जनपद में 50 से अधिक गोशालाएं संचालित की जा रही हैं। इन गोशालाओं में पांच हजार से अधिक निराश्रित गोवंशों को संरक्षित किया गया है। सरकार की ओर से जिले में हर साल गोवंश संरक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मगर, आए दिन इन गोशालाओं में भूख-बीमारी से गोवंशों की मौतें होने और मृत पशुओं को दफनाने में बरती जा रही लापरवाही के मामले में अक्सर प्रकाश में आते रहते हैं।

कुछ दिन पूर्व मरौरी ब्लाक की बसंतापुर और पुरवा भूड़ा गोशाला में गोवंशों की दुर्दशा के वीडियो वायरल हुए थे। वायरल वीडियो में गोवंशों के शव पानी में उतराते दिखाई दे रहे थे। वायरल वीडियो संज्ञान में आने के बाद आनन-फानन में उसी दिन शाम सात बजे सीवीओ डॉ. अरविंद कुमार, एसडीएम सदर देवेंद्र सिंह और बीडीओ मरौरी मृदुला को भेजकर मामले की जांच कराई गई। जांच में पुरवा भूड़ा में मृत गोवंशों को दफनाने मे खासी लापरवाही उजागर हुई। वहीं बसंतापुर गोशाला में प्रकाश व्यवस्था ठप मिली थी।

जांच रिपोर्ट पर डीपीआरओ सतीश कुमार ने सचिव मोहम्मद रिजवान को निलंबित कर दिया था। उधर डीएम संजय कुमार सिंह ने गोशालाओं की लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सभी उप जिलाधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की गोशालाओं का निरीक्षण कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।

निर्धारित आठ बिंदुओं पर निरीक्षण कर सभी उप जिलाधिकारियों ने रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। बताते हैं कि रिपोर्ट में सामान्य आई है। कुछ गोशालाओं में मामूली खामियां मिलने पर उन्हें तत्काल दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। इधर अब इन गोशालाओं की हकीकत जानने को डीएम संजय कुमार सिंह निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के दौरान यदि किसी गोशाला में हरे चारे की कमी या मृत गोवंशों को दफनाने में लापरवाही सामने आई तो संबंधित ग्राम प्रधान के अधिकार किए जाएंगें।

सभी उपजिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों से गोशालाओं की आठ बिंदुओं पर जांच कराई गई थी। रिपोर्ट सामान्य है। जहां मामूली खामियां पाई गई है, उन्हें तत्काल दुरुस्त कराने को कहा गया है। यदि किसी गोशाला में हरे चारे या मृत गोवंशों को नियमानुसार शवों के निस्तारण में लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित ग्राम प्रधान के अधिकार सीज की कार्रवाई की जाएगी। -संजय कुमार सिंह, डीएम