शाहजहांपुर: झोपड़ी में पहुंचा 'मगरमच्छ'... देखते ही मच गई चीख-पुकार, वन विभाग की टीम ने पकड़ा
शाहजहांपुर, अमृत विचार। निगोही के गांव महमदपुर में बाढ़ का पानी कम होने के बाद गांव के एक मकान के बाहर झोपड़ी में मगरमच्छ दिखाई देने से हड़कंप मच गया। लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। सूचना पर वन विभाग की टीम गांव पहुंची और मगरमच्छ को पकड़वाकर ले गए। तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
गांव महमदपुर निवासी रामकुमार के मकान के बाहर झोपड़ी पड़ी है और उसी में भैंस आदि जानवर बंधते हैं। वह जानवरों की रखवाली के लिए झोपड़ी में ही सोते हैं। रात करीब नौ बजे खाना खाकर वह हाथ में टॉर्च और लाठी व बिस्तर लेकर झोपड़ी में सोने के लिए पहुंच गए। तखत पर बिस्तर लगा वह लेट गए।
एक गहरी नींद लेने के बाद रात करीब 11 बजे अचानक आंख खुल गई। तभी उन्हें तखत के नीचे से सूं-सूं की आवाज सुनाई दी। पहली बार तो उन्होंने सुनाई दे रही आवाज को अनसुना कर दिया लेकिन जब सूं-सूं की आवाज कई बार सुनाई दी तब फिर वह सकते में आ गए।
उन्होंने तखत के नीचे टॉर्च की रोशनी डाली तो उनके होश उड़ गए। करीब तीन मीटर लंबा मगरमच्छ आराम फरमा रहा था और लंबी-लंबी सांसे ले रहा था। मगरमच्छ को देखकर उनकी घिग्गी बंध गई। मौके से भाग कर वह घर पहुंचे और फिर शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद गांव के लोग जाग गए और मौके पर पहुंच गए। मगरमच्छ को देखकर गांव के लोगों की मौके पर भीड़ लग गई।
चूंकि रात का समय था, इसलिए वन विभाग को सूचना देना भी संभव नहीं लग रहा था, इसलिए रात में मगरमच्छ की घेराबंदी किए रहे। सुबह होने पर वन विभाग को सूचना दी। तिलहर वन रेंजर घनश्याम शुक्ला मंगलवार सुबह करीब नौ बजे टीम के साथ गांव पहुंचे और मगरमच्छ को पकड़वाकर पिंजरे में बंद कर ले गए, ताकि उसे दूर किसी नदी में छोड़ा जा सके।
गोबर की गंध पाकर झोपड़ी में पहुंचा
वन रेंजर घनश्याम शुक्ला ने बताया कि मगरमच्छ गाय-भैंस का गोबर खाता है और इसी गंध पाकर वहां पहुंच जाता है, झोपड़ी में भैंसें बंधी थीं और गोबर पड़ा था। इसीलिए गोबर की गंध पाकर झोपड़ी में पहुंच गया। मगरमच्छ करीब तीन मीटर लंबा था।
चलने पर आती है पट-पट की आवाज
वन रेंजर ने बताया कि मगरमच्छ जब सांस लेता है तो सूं-सूं की आवाज आती और जब यह चलता है तो पट-पट की आवाज सुनाई देती है। मगरमच्छ को गांव से दूर दूसरे स्थान पर नदी में छुड़वा दिया जाएगा।
गांव के करीब से निकला है दमा नाला
निगोही से तिलहर रोड पर 12 किलोमीटर दूर गांव महमदपुर के पास से दमा नाला निकला है। एक सप्ताह पहले आई बाढ़ में दमा नाला का पानी गांव में घुस आया और इसी के साथ जलीय जीव-जंतु भी आ गए। इसी साथ मगरमच्छ भी आ गया और बाढ़ का जब पानी कम हुआ तो मगरमच्छ दिखाई दिया।
