एन श्रीराम बालाजी काफी आक्रामक खिलाड़ी, उन्हें हलके में नहीं ले सकते : रोहन बोपन्ना

एन श्रीराम बालाजी काफी आक्रामक खिलाड़ी, उन्हें हलके में नहीं ले सकते : रोहन बोपन्ना

नई दिल्ली। उम्र के साथ निखरते जा रहे रोहन बोपन्ना अपने आखिरी ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए बेताब हैं। मजबूत जोड़ीदार नहीं मिलने को लेकर शिकायत करना उनके स्वभाव में नहीं है। भारत के इस अनुभवी टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में उनके जोड़ीदार एन श्रीराम बालाजी काफी आक्रामक खिलाड़ी हैं और बड़े मैचों का दबाव झेलने में सक्षम भी। बोपन्ना अगर विश्व युगल रैंकिंग में शीर्ष दस से बाहर होते तो भारत का कोई खिलाड़ी 26 जुलाई से शुरू हो रहे पेरिस ओलंपिक में इस वर्ग में नहीं होता। 44 वर्ष के बोपन्ना को बालाजी और युकी भांबरी में से चुनना था और अपने कोच स्कॉट डेविडॉफ और बालाचंद्रन मणिकांत से मशविरे के बाद उन्होंने बालाजी को चुना। 

बोपन्ना ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, मेरा मानना है कि हमारे पास हर मैच जीतने का मौका है । हम सिर्फ भागीदारी के लिये नहीं जा रहे। उन्होंने कहा, हम पूरी तैयारी के साथ जायेंगे। एक टीम के रूप में हमारा वही मकसद है। बाला काफी आक्रामक खिलाड़ी है। उन्होंने कहा ,‘‘हम क्ले कोर्ट पर खेल रहे हैं और उस पर बालाजी बेहतर जोड़ीदार साबित होगा। फिलहाल मैं मैथ्यू एबडेन के साथ खेलता हूं जो क्ले पर अधिक फुर्तीला और आक्रामक है। बोपन्ना ने कहा,‘‘ क्ले कोर्टपर मुझे ऐसा जोड़ीदार चाहिये जो उस कोर्ट पर मेरे साथ अच्छा तालमेल बना सके । हार्ड कोर्ट या ग्रासकोर्ट पर मैं युकी को चुनता।

 उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि यह कठिन फैसला था क्योंकि उन्होंने दोनों में से किसी के साथ टूर पर नहीं खेला है। उन्होंने कहा ,‘‘ हम दोनों में से बालाजी अधिक फुर्तीला है और दोनों फ्लैंक पर दौड़ सकता है । वह मैथ्यू की तरह है हालांकि मैथ्यू के जितना अनुभव नहीं है।’’ बोपन्ना ने कहा कि वे सिर्फ पेरिस ओलंपिक में भाग लेने नहीं बल्कि जीतने के मकसद से जा रहे हैं। उन्होंने कहा, हर खिलाड़ी ओलंपिक में पदक जीतने ही जाता है। हर कोई पिछली बार से बेहतर करना चाहता है । हम भी यही करने जा रहे हैं । हमारा भी यही मकसद है।

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