बरेली: मौलाना तौकीर रजा की नई सियासत! 23 हिंदू युवाओं का कराएंगे सामूहिक निकाह

बरेली: मौलाना तौकीर रजा की नई सियासत! 23 हिंदू युवाओं का कराएंगे सामूहिक निकाह

बरेली, अमृत विचार। अपनी सियासी पार्टी इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के बैनर तले मौलाना तौकीर रजा खां ने 23 हिंदू युवाओं का निकाह कराने का एलान किया है। उन्होंने आईएमसी की ओर से प्रशासन से इसके लिए बाकायदा अनुमति भी मांगी है। तौकीर रजा का कहना है कि इन हिंदू युवाओं की इस्लाम में आस्था है। उन्होंने धर्म परिवर्तन करने और उन मुस्लिम युवक-युवतियों से निकाह कराने के लिए आईएमसी को आवेदन भेजा है, जिनके साथ वे पहले से रह रहे हैं।

आईएमसी प्रमुख ने सोमवार को अपने आवास पर बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दो साल पहले दरगाह आला हजरत पर यह पाबंदी लगाई गई थी कि जो युवा किसी लालच में या इश्क के कारण इस्लाम कबूल करना चाहते हैं, उन्हें मुसलमान नहीं बनाया जाएगा, मगर पिछले कुछ दिनों से दबाव बहुत बढ़ गया है। उनके पास कई ऐसे हिंदू युवा आए हैं, जिनके दफ्तरों में साथ काम करने या दूसरे कारणों से संबंध हो गए हैं। इनमें से ज्यादातर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं और तमाम युवा लिव इन रिलेशनशिप में हैं।

मौलाना तौकीर ने कहा कि कोई मजहब लिव इन को अनुमति नहीं देता। कानून में भले ही समलैंगिकता की खुली छूट है लेकिन भारतीय संस्कृति इसकी भी अनुमति नहीं देती है। उन्होंने बताया कि आईएमसी के पास इस वक्त आठ लड़के और 15 लड़कियों समेत 23 ऐसे हिंदू युवाओं के आवेदन हैं जो इस्लाम कबूल करना चाहते हैं। इनमें से एक मामला मध्य प्रदेश का है, बाकी बरेली और आसपास के जिलों के हैं। पहले चरण में पांच जोड़ों का सामूहिक निकाह खलील हायर सेकेंड्री स्कूल में 21 जुलाई को कराया जाएगा।

मौलाना ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से अभी वह इन युवाओं का ब्योरा जारी नहीं कर रहे हैं। ऐसे युवक-युवती जो लिव इन में रहकर हराम काम कर रहे हैं, वह उन्हें इससे बचाना चाहते हैं। मौलाना ने कहा कि आज तक न जाने कितनी मुस्लिम लड़कियों ने धर्म परिवर्तन कर लिया। उन्होंने कोई विरोध नहीं किया। उम्मीद है कि उनके इस कार्यक्रम का भी कोई विरोध नहीं होगा। यह कोई गैर कानूनी काम भी नहीं है। संविधान इसकी इजाजत देता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. नफीस खान, मुनीर इदरीसी, नदीम कुरैशी, मौलाना एहसानुल हक चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।

प्रशासन से मांगी है अनुमति, अभी नहीं मिला जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 11 जुलाई को आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर पहले चरण में 21 जुलाई को पांच हिंदू युवाओं का सामूहिक निकाह कराने की अनुमति मांगी है। सिटी मजिस्ट्रेट को दिए पत्र में बताया गया है कि इन हिंदू युवक-युवतियों की इस्लाम में आस्था है और वे धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़के और लड़कियों से शादी करना चाहते हैं। उन्हें किसी तरह का प्रलोभन नहीं दिया गया है और न कोई दबाव डाला गया है। वे शपथ पत्र देने को तैयार हैं। मौलाना ने कहा कि प्रशासन से अभी कोई जवाब नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद है कि अनुमति मिल जाएगी क्योंकि वह कोई गैर कानूनी काम नहीं कर रहे हैं।

शहर इमाम बोले- सियासी मायनों का पता नहीं, पर बिना जबर्दस्ती हो रहे हैं तो ये निकाह जायज
शाही जामा मस्जिद के शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने मौलाना तौकीर के एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि आईएमसी के इस आयोजन के सियासी मायने क्या हैं, यह तो वह नहीं जानते। लेकिन यह सही है कि बिना निकाह के एक साथ रहना इस्लाम में पूरी तरह नाजायज और हराम काम है। उन्होंने कहा कि अगर बिना किसी जोर-जबर्दस्ती के सामूहिक निकाह कराया जा रहा है तो इस्लाम इसकी इजाजत देता है। शरई तौर पर इसमें कोई भी गलत बात नहीं है।

आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने 21 जुलाई को सामूहिक निकाह के लिए अनुमति के लिए आवेदन किया। मेरे स्तर से यह आवेदन जांच के लिए पुलिस को भेज दिया गया है। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा। -राजीव शुक्ला, नगर मजिस्ट्रेट