डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में 8 वर्ष बाद दीक्षा में मेधावियों को मिले मेडल और उपाधि

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में 8 वर्ष बाद दीक्षा में मेधावियों को मिले मेडल और उपाधि

लखनऊ, अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में 8 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद शनिवार को  दीक्षांत समारोह में छात्र- छात्राओं को उपाधि और पदक दिए गए। बीए. एलएलबी., एलएलएम, पीएच.डी. और डिप्लोमा कार्यक्रमों में छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। अपने-अपने विषयों में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को 132 पदक दिए गए, जिसमें 70 स्वर्ण पदक शामिल थे। 

समारोह के मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने छात्रों को प्रेरणादायक संबोधन दिया और स्वर्ण पदक प्रदान किए। विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश व विश्वविद्यालय के विजिटर जस्टिस विक्रम नाथ, और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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दीक्षा समारोह डॉ. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर सभागार में हुआ, नौ एलएल.बी. और नौ एलएल.एम. के छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के हाथों से मिला। मुख्य अतिथियों के जाने के बाद अन्य पदकों और उपाधियों का वितरण किया गया। 

स्वर्ण, रजत, और कांस्य पदकों के अलावा कुछ प्रायोजित पदक भी वितरित किए गए, जिसमें प्रदीप कुमार अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल, जस्टिस ओपी प्रधान मेमोरियल गोल्ड फार क्रिमिनल लॉ, विरेंद्र भाटिया गोल्ड मेडल फार स्टूडेंट ईयर, और केके लुथरा मेमोरियल एडवोकेसी गोल्ड मेडल शामिल हैं।

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बीए.एलएलबी में स्वर्ण पदक विजेता:

दीपाली यादव, माधवी मेहरोत्रा, सुरभि वर्मा, सिद्धांत शंकर पांडेय, अदिति बांगर, दीक्षा गुप्ता, कर्तिका, वनाज विद्यान, और रुपल जायसवाल।

एलएल.एम. में स्वर्ण पदक विजेता:

इंदू रानी, अभिषेक दीक्षित, अनुराग, प्रियम्वदा, गुलाफ्शां, समा सुल्तान, सौरभ तिवारी, शिवेश राज जायसवाल, और अक्षत अग्रवाल।

डिप्लोमा कोर्स पीजीडीसीएल में स्वर्ण पदक विजेता:

स्वाति भूषण, कृतिका चावला, अभिजीत गुप्ता, अजय प्रकाश कुशवाहा, रोहित कुमार, और शिवानी शुक्ला। पीजीडीआइपीआर में श्रेया त्रिपाठी, अर्पिता तिवारी, और अखिलेश कुमार।

करीब 40 एकड़ में फैले लोहिया विधि विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2006 में हुई। विश्वविद्यालय ने अब तक केवल दो दीक्षांत समारोह आयोजित किए हैं। आखिरी दीक्षा समारोह वर्ष 2015 में हुआ था। नौ वर्षों बाद पुराने बैच के छात्रों को दीक्षांत समारोह में अपनी डिग्री लेने का मौका मिला, इस दौरान सभी में उत्साह देखने लायक था।

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