आत्मघाती कदम : दो छात्रों ने फंदा लगाकर की खुदकुशी

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Published By Vinay Shukla
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कहीं, पिता की मौत तो कहीं बीमारी से परेशान छात्रों ने की खुदकुशी

शहर के अलग-अलग थानाक्षेत्र से आए खुदकुशी के मामले

अमृत विचार, लखनऊ। राजधानी के अलग-अलग थानाक्षेत्र से दो छात्रों ने घर में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। छात्र की मौत से काफी अवसाद में था। दूसरे ने बीमारी से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। हालांकि, घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से पूछताछ कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

प्रभारी निरीक्षक दीपक पांडे के मुताबिक, मूलरूप से सीतापुर जनपद के नरनी निवासी आदित्य दीक्षित (16) गोमतीनगर के विनीतखंड में सपरिवार रहता था। वह हाईस्कूल का छात्र था। मंगलवार रात करीब नौ बजे आदित्य ने घर में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मां ने घर के आंगन से बेटे को फंदे से लटकता देखा। इसके बाद पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ कर आदित्य को फंदे से नीचे उतारा। इसके बाद परिजन छात्र को नजदीकी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों से पूछताछ कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। चाचा हरिश दीक्षित ने बताया कि आदित्य के पिता सतीश दीक्षित की दो साल पहले मौत हो चुकी थी। वह बीएसएनएल में ठेकेदार थे। आदित्य को पिता से बेहद लगाव था। वह क्रिकेटर बनाना चाहता था, लेकिन पिता की मौत ने उसे अंदर से तोड़ दिया था। बताया कि पिता की मौत के बाद आर्थिक तंगी का दंश भी पूरा परिवार झेल रहा था। पूर्व में भी वह घर वालों से खुदकुशी किए जाने की बात कहता था। परिवारिक सदस्यों ने उसे काफी समझाया, लेकिन उस पर कोई भी असर नहीं हुआ। जिस वजह से उसने मौत को गले लगा लिया।  

बीमारी से तंग आकर छात्र ने की खुदकुशी

हसनगंज थाना अंतर्गत डालीगंज निवासी विशाल सिंह (16) ने भी फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मंगलवार दोपहर का उसका शव घर में गमछे के सहारे फंदे से लटकता मिला। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि विशाल के पिता पेंटिग का काम करते हैं।जबकि मां लोगों के घरों में चौका-बर्तन का काम करती है। पिता का कहना है कि विशाल के दिल में छेद था। केजीएमयू में उसका इलाज चल रहा था। बीमारी को लेकर बेटा काफी परेशान रहता था। बीमारी से छुटकारा पाने के लिए बेटे घर में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। वह नौवीं कक्षा में पढ़ता था। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।

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