रुद्रपुर: खटीमा के शराब ठेकेदार हो चुके थे रिश्वत देने से परेशान, बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने पर भी नहीं हो रहा था काम

रुद्रपुर: खटीमा के शराब ठेकेदार हो चुके थे रिश्वत देने से परेशान, बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने पर भी नहीं हो रहा था काम

रुद्रपुर, अमृत विचार। एक नहीं, बल्कि खटीमा के दो शराब ठेकेदार जिला आबकारी अधिकारी के बार-बार रिश्वत मांगने से परेशान हो चुके थे। पारदर्शी तरीके से कार्य करने के बाद भी जब जिला आबकारी अधिकारी की रिश्वत नीति बंद नहीं हुई तो एक ठेकेदार ने कार्रवाई का मन बना लिया। यही कारण है कि पिछले साल का बचा लाखों का माल उठाने का आवेदन करने के बाद भी ठेकेदार आबकारी कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर था।

मंगलवार को हल्द्वानी विजिलेंस की टीम द्वारा जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने के बाद पता चला कि जिला आबकारी अधिकारी की रिश्वत नीति से एक नहीं, बल्कि दो शराब ठेकेदार परेशान थे। इसमें से एक का मेला घाट और दूसरे का झनकईया में शराब का ठेका है।

बताया जा रहा है कि सुरेंद्र चौधरी नाम के ठेकेदार ने जब आबकारी कार्यालय में आवेदन किया था। उसकी वर्ष 2023-24 में देशी शराब की दुकान आवंटित हुई थी। जिसको पुन: वर्ष 2024-25 में नवीनीकरण किया था। पिछले साल का सारा अधिभार जमा कराने के बाद पिछले वर्ष का 10.21लाख रुपये का माल बचा हुआ था।

इस पर जिला आबकारी अधिकारी ने कुल अधिभार का माल उठाने की एवज में 10 फीसदी रिश्वत देने की मांग की और अंत में 70 हजार रुपये देने का दबाव बनाया। वहीं दूसरे ठेकेदार का मामला भी यहीं था और उससे भी 1.90 लाख रुपये देने की डिमांड की गई। लेकिन सुरेंद्र नाम के ठेकेदार ने बार-बार रिश्वत देने के खिलाफ आवाज उठाई और सतर्कता अधिष्ठान को शिकायत पत्र भेज दिया। शिकायतकर्ता का आरोप था कि बार-बार नियमानुसार कार्य करने के बाद भी रिश्वत देने का दबाव बनाया जाता था। जिससे अजीज आकर उसने कार्रवाई की ठान ली थी।

भागने का भी नहीं दिया मौका
मंगलवार को जब विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते हुए जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को रंगे हाथो 70 हजार रुपये लेते पकड़ा। इसके बाद जिला आबकारी अधिकारी उठकर भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन विजिलेंस की टीम ने उन्हें पकड़ लिया और नोटों की गड्डी को बरामद करने के बाद तत्काल कार्रवाई में जुट गई और दोपहर तीन बजे हुई पकड़ने की कार्रवाई शाम छह बजे तक चलती रही। इसके बाद जिला आबकारी अधिकारी को गिरफ्तार कर हल्द्वानी ले जाया गया।

जब बिगड़ी आबकारी अधिकारी की तबीयत
दोपहर तीन बजे जब हल्द्वानी विजिलेंस की टीम ने जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की तो साढ़े चार बजे के करीब सांस लेने में तकलीफ होने लगी। पता चला है कि जिला आबकारी अधिकारी के हार्ट की बाईपास सर्जरी हुई है और किडनी व लीवर रोग से भी ग्रस्त हैं। जिसका उपचार भी चल रहा है। जिसकी जानकारी मिलते ही विजिलेंस की टीम ने जिला आबकारी अधिकारी के एक रिश्तेदार को फोन कर हार्ट चैकअप मशीन मंगाई और जांच की। इसके बाद ही हालत में सुधार आया।

काशीपुर-पॉश कॉलोनी में भी मारा छापा
मंगलवार को विजिलेंस हल्द्वानी की टीम ने जिला आबकारी अधिकारी को ट्रेप करने से पहले तीन टीमों का गठन किया। विजिलेंस के पास पुख्ता सबूत थे कि रिश्वत कांड के आरोपी अशोक कुमार मिश्रा का काशीपुर और रुद्रपुर स्थित एक पॉश कॉलोनी में भी मकान है। दोपहर तीन बजे विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उसी समय विजिलेंस की एक टीम ने काशीपुर और पॉश कॉलोनी स्थित घर पर कार्रवाई शुरू कर दी और काशीपुर में आरोपी के परिजनों से पूछताछ कर संपत्ति का ब्यौरा मांगा। बताया जा रहा है कि विजिलेंस टीम के हाथ कई अहम सबूत लगे हैं।


छावनी में बदल गया आबकारी कार्यालय
रिश्वत कांड का पर्दाफाश करने से पहले विजिलेंस की टीम ने गोपनीय तरीके से एसएसपी को सूचना दी और उसके बाद सिडकुल चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार सहित भारी पुलिस बल के साथ आबकारी कार्यालय पहुंचे। जहां रंगे हाथ पकड़ने के बाद कार्यालय परिसर की नाकेबंदी कर दी और मुख्य गेट पर पुलिस बल तैनात कर आवाजाही पूर्णतया ठप कर दी गयी। किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित कर दिया। यहां तक कि आबकारी विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को भी नजरबंद कर दिया गया।