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हाथरस सत्संग हादसा: हजारों की भीड़, सुरक्षा में तैनात थे महज 72 पुलिसकर्मी, चंद मिनटों में टूट गई श्रद्धालुओं की सांसों की डोर
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अमृत विचार लखनऊ/हाथरस । हाथरस जनपद के सत्संग कार्यक्रम में दिल दहलाने वाली घटना ने लोगों के जेहन में हलचल पैदा कर दी है। अब तक इस घटना में करीब 50 से ज्यादा लोगों की आशंका जताई जा रही है। मगर अधिकारिक तौर पर 27 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है।
मृतकों में ज्यादातर महिलाएं ही शामिल है। मंगलवार से शुरू हुए भोले बाबा के सत्संग में हजारों की तादात में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा की दृष्टि से हजारों की भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए मजह 72 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। अचानक भगदड़ मच जाने से दूरदराज से आए श्रद्धालुओं की मौत हो गई। चदं मिनट में कार्यक्रम स्थल में इधर-उधर श्रद्धालुओं के शव ने एक खौफनाक मंजर बयां कर दिया।
श्रद्धालुओं की भीड़ से शहर की यातायात व्यवस्था बेपटरी हो चली थी। इसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर आयोजकों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की थी। सूत्रों की मानें तो, एटा जनपद के बहादुर नगरी गांव निवासी नारायण साकार हरि पूर्व में गुप्तचर विभाग में कार्यरत थे। इसके बाद पत्नी के संग वह लोगों को अध्यात्म की तरफ जोड़ने लगे। नारायण साकार के सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है। इस बार यह सत्संग 2 जुलाई, मंगलवार को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम फूलरई मुगलगढ़ी, नेशनल हाईवे में आयोजित किया गया। इस बीच उनके सत्संग में भगदड़ मच गई जिनमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की जिंदगी की डोर टूट गई।
पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचने लगे श्रद्धालुओं के शव
शाम करीब चार बजे श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि होने के बाद एकाएक पोस्टमार्टम हाउस में शव पहुंचने लगे। इस भीड़ में लगे अंतिम बार अपनों को दीदार कर रोते रहे। हालांकि, मौत के इस मंजर को देख लोगों पूरी तरह से भयभीत हैं। वहीं, अस्पताल में भीड़ लगातार बेड खाली कराए गए हैं।
ताकि घायल श्रद्धालुओं को तत्काल इलाज मुहैया कराए जा रहे। हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने कहा, "बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग में एक निजी आयोजन की बात कहकर अनुमति ली गई थी। बावजूद इसके श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती चली गई। उन्होंने काबू करने के लिए पुलिस व्यस्था के व्यापक इंतजाम भी भगदड़ में ध्वस्त हो गए।
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