राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया, एक दिवसीय विश्व कप हार के बाद रोहित शर्मा ने कैसे उन्हें पद छोड़ने से रोका

राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया, एक दिवसीय विश्व कप हार के बाद रोहित शर्मा ने कैसे उन्हें पद छोड़ने से रोका

ब्रिजटाउन (बारबडोस)। भारतीय क्रिकेट टीम के निवर्तमान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने यहां टी20 विश्व चैंपियन बनने के बाद टीम को दिए अपने विदाई भाषण में खुलासा किया कि अगर उन्हें एकदिवसीय विश्व कप फाइनल में हार के बाद पद पर बने रहने का अनुरोध करते हुए कप्तान रोहित शर्मा का फोन नहीं आया होता तो वह इतिहास का हिस्सा नहीं होते। द्रविड़ का कार्यकाल एकदिवसीय विश्व कप के साथ समाप्त हो गया था। भारत लगातार 10 मैच जीतने के बाद फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था। कोचिंग स्टाफ को हालांकि शनिवार को समाप्त हुए टी20 विश्व कप के अंत तक विस्तार मिला था। भारत ने द्रविड़ के मार्गदर्शन में अपना दूसरा टी20 विश्व कप जीता लेकिन उन्होंने इस भूमिका में बने रहने के लिए फिर से आवेदन नहीं किया। 

उन्होंने शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में टीम की सात रन की जीत के बाद केनसिंगटन ओवल ड्रेसिंग रूम में अपने भाषण के दौरान कोच के रूप में बने रहने का आग्रह करने में रोहित की भूमिका का उल्लेख किया। द्रविड़ ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘रो (रोहित), नवंबर में मुझे फोन करने और टीम के साथ जुड़े रहने के लिए कहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आप सभी के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य और खुशी की बात है, लेकिन रो, समय देने के लिए भी धन्यवाद...हमने बातचीत करने, चर्चा करने, सहमत होने और असहमत होने में बहुत समय बिताया लेकिन आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।’’ द्रविड़ ने टूर्नामेंट के दौरान सामूहिक रूप से ठोस प्रदर्शन करने के लिए खिलाड़ियों की प्रशंसा की और उनसे इस उपलब्धि का जितना चाहे उतना जश्न मनाने का आग्रह किया।

 उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को ये पल याद होंगे। हम हमेशा कहते हैं, यह रनों के बारे में नहीं है, यह विकेटों के बारे में नहीं है, आप अपने करियर को कभी याद नहीं रखते हैं, लेकिन आप इस तरह के पलों को याद रखते हैं, इसलिए आओ और इसका लुत्फ उठाओ।’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘मैं आप लोगों पर बहुत गर्व करता हूं, जिस तरह से आपने वापसी की, जिस तरह से आपने संघर्ष किया, जिस तरह से हमने एक टीम के रूप में काम किया...लचीलापन दिखाया। पिछले कुछ वर्षों में कुछ निराशा हुई, जहां हम करीब आए लेकिन हम कभी रेखा को पार नहीं कर पाए।’’

 बीसीसीआई सचिव जय शाह की मौजूदगी में द्रविड़ ने खिलाड़ियों के करीबी लोगों के बलिदानों के बारे में भी बात की। द्रविड़ ने कहा, ‘‘आप सभी ने बहुत सारे बलिदान किए हैं, अपने परिवारों को आज यहां इसका आनंद लेते हुए देखने के लिए, आपके परिवार के कई सदस्य घर पर हैं, बस उन सभी बलिदानों के बारे में सोचें, जो आप अपने बचपन से लेकर अब तक ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनने के लिए करते आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आपके माता-पिता, आपकी पत्नी, आपके बच्चों, आपके भाई, आपके कोच, बहुत से लोगों ने बहुत सारे बलिदान किए हैं और इस पल में इस स्मृति का आनंद लेने के लिए आपके साथ बहुत मेहनत की है। आप लोगों के साथ इस स्मृति का हिस्सा बनने पर बहुत गर्व है। आमतौर पर मुखर रहने वाले द्रविड़ ने माना कि उनके पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं लेकिन उन्होंने निवर्तमान कोचिंग स्टाफ के प्रति सम्मान के लिए टीम की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास आमतौर पर शब्दों की कमी नहीं होती लेकिन आज जैसे दिन पर, जब मैं इसका हिस्सा बना, मैं आप सभी का, मेरे कोचिंग स्टाफ और मेरे सहयोगी स्टाफ के प्रति दिखाए गए सम्मान, दयालुपन और आपके प्रयासों के लिए जितना आभारी हूं, उतना कम है।’’ द्रविड़ ने बीसीसीआई अधिकारियों और अन्य लोगों की पर्दे के पीछे उनके काम के लिए भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘एक बेहतरीन टीम के पीछे एक सफल संगठन भी होता है और हमें बीसीसीआई और पर्दे के पीछे के लोगों के काम की सराहना करनी चाहिए।

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