AKTU: 13 माह में दो संस्थानों के खाते में लगाई सेंध, 320 करोड़ रुपये किए साफ

AKTU: 13 माह में दो संस्थानों के खाते में लगाई सेंध, 320 करोड़ रुपये किए साफ

HIGHLIGHT

  •  पिछले वर्ष जून में ही नोएडा विकास प्राधिकरण के खाते से उड़ाए थे 200 करोड़
  • दोनों मामलों में फिल्मी अंदाज में लिखी गई थी स्क्रिप्ट
  • एक को छोड़ बदल गए थे सारे किरदार

लखनऊ, अमृत विचार: एकेटीयू के खाते से 300 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश रचकर 120 करोड़ रुपये साफ करने वाले गिरोह के सदस्य काफी शातिर हैं। गिरोह ने बड़े संस्थानों को अपना निशाना बनाया। महज 13 माह के अंदर नोएडा विकास प्राधिकरण और एकेटीयू के खाते में सेंध लगाकर 500 करोड़ रुपये उड़ाने की साजिश रची। इसमें 325 करोड़ उड़ाने में सफल भी हुए। पूरे वारदात की स्क्रिप्ट किसी फिल्म से कम नहीं थी। वारदात में सिर्फ इतना अंतर था कि दूसरी घटना में राजेश बाबू को छोड़कर बाकी किरदार बदल गए थे।

साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के मुताबिक पकड़े गए जालसाज राजेश बाबू, देवेंद्र जोशी और शैलेश सिंह रघुवंशी की शुक्रवार को पुलिस कस्टडी रिमांड ली गई थी। पूछताछ में देवेंद्र ने तो अपने ट्रस्ट के खाते के बारे में जानकारी दी। वहीं, शैलेश रघुवंशी ने लखनऊ में बैंक से दस्तावेज जुटाने की बात कुबूल की। इससे जुड़े कई अहम राज भी बताए। जबकि पेशे से फिल्म प्रोड्यूसर राजेश बाबू ने शुरू के करीब पांच घंटे तक कुछ नहीं बोला। जब पुलिस ने सख्ती की तो नोएडा विकास प्राधिकरण के खाते से 200 करोड़ रुपये उड़ाने की बात कुबूल की।

दोनों में फर्जी ई-मेल आईडी का प्रयोग

इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाने ने बताया कि दोनों मामले में जालसाजों ने एक ही तरीके से खाते खाली किए थे। जालसाजों ने बैंक, नोएडा विकास प्राधिकरण और एकेटीयू के फर्जी ई-मेल बनाया। उसी के जरिये खाता खोलने और एफडी करने और अधिक ब्याज देने की बात की। खाता खुलने के बाद नोएडा प्राधिकरण के नाम से 100-100 करोड़ की दो एफडी करने की बात कही गई थी। इस मामले में जालसाजों ने बैंक ऑफ इंडिया से जारी दो एफडी भी नोएडा विकास प्राधिकरण के में भेज दी थी। लेकिन यह रकम बैंक ऑफ इंडिया से एचडीएफसी के खाते में ट्रांसफर करा दी थी। इसमें दो बार में 13 करोड़ रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर किए। 3.90 करोड़ रुपये नकद बैंक से निकाल लिया था। जबकि एकेटीयू के मामले में जालसाजों ने एफडी कराने के नाम पर खाता खुलवाकर 120 करोड़ खाते में ट्रांसफर करा दिए। इसके बाद 180 करोड़ रुपये और खाते में आने के बाद एफडी करने का प्रस्ताव दिया था। इसी बीच बैंक प्रबंधक और कर्मचारियों की मिली भगत से 100 करोड़ रुपये श्रद्धा ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर करा दिया। बैंक के प्रबंधक व कर्मचारियों को बताया कि यह रकम एक सप्ताह में वापस खाते में आ जाएगी।

एक को छोड़ बदले सारे किरदार

नोएडा विकास प्राधिकरण खाते में सेंध लगाने वाले गिरोह में राजेश बाबू के अलावा सुधीर चौधरी, मुरारी जाटव और राजेश पांडेय था। जबकि मनुभोला, राजेश मिश्रा, त्यागी की तलाश की जा रही है। वहीं, एकेटीयू से रकम उड़ाने के लिए राजेश बाबू के साथ अनुराग श्रीवास्तव, जयकुमार उर्फ एनके सिंह, देवेंद्र जोशी, उदय पटेल, गिरीश चंद्र, शैलेश कुमार सिंह रघुवंशी, दस्तगीर आलम, कृष्णकांत तिवारी को शामिल किया। वहीं, रुपये को ठिकाने लगाने के लिए कपिल, अजय पटेल और मेहूल कुमार को शामिल किया है। इसमें सात आरोपी गिरफ्तार हो चुके है। जबकि अभी आधा दर्जन से अधिक की तलाश की जा रही है।

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