हल्द्वानी: आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के 253 पद खाली, कैसे हो उपचार

हल्द्वानी: आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के 253 पद खाली, कैसे हो उपचार

हल्द्वानी, अमृत विचार। आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसको बढ़ावा देने की बात कही जा रही है लेकिन आंकड़ों को देखें तो सच्चाई कुछ और ही है। पूरे राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के स्वीकृत पदों में से करीब 30 प्रतिशत पद खाली चल रहे हैं। यही हाल अन्य पदों पर भी है। 

आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग उत्तरखंड से मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के 758 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 505 पद ही भरे गए हैं। जिनमें 477 आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी नियमित हैं तो वहीं 28 पद संविदा से भरे गए हैं। राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी के 253 पद खाली चल रहे हैं।

यूनानी चिकित्साधिकारी की बात करें तो राज्य में पांच स्वीकृत पदों में से तीन पद ही भरे हुए हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग ने सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत 90 पदों में से 21 खाली हैं। जो पद भरे गए हैं वे भी संविदा के आधार पर ही चल रहे हैं। फार्मासिस्ट आयुर्वेदिक के स्वीकृत पदों में तब भी राहत की बात है। राज्य में स्वीकृत 692 पदों में से 21 पद खाली हैं। 

अस्पतालों को देना पड़ रहा पीपीपी मोड पर
स्टाफ की कमी के चलते ही आयुर्वेदिक अस्पतालों को पीपीपी मोड पर भी देना पड़ रहा है। हल्द्वानी में 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल को पीपीपी मोड पर देने की तैयारी चल रही है। जबकि जब इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा था तब कहा जा रहा था कि आयुर्वेदिक चिकित्सा मे यह अस्पताल मील का पत्थर साबित होगा।