Auraiya: पत्नी की हत्या के दोषी पति को मिला आजीवन कारावास, झूठी गवाही देने पर मृतका के पिता पर कार्रवाई
नामजद सास, ससुर व देवर हुए दोषमुक्त
औरैया, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीष प्रथम विकास गोस्वामी ने पांच साल पहले थाना अछल्दा क्षेत्र के ग्राम रमन गढ़िया स्थित ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता की मौत के मामले में पति रजनेश को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। दोषी पर 25 हजार रूपए अर्थदंड भी लगाया।
मामले में मृतका ऊषा के पिता ने गवाही में अपने बयान आरोपियों को बचाने वाले दिए लेकिन कोर्ट ने पति को उम्रकैद की सजा दी। वादी पिता पर झूठी गवाही देने के जुर्म में कोर्ट ने विधिक कार्रवाई किए जाने के लिए प्रकीर्ण वाद पंजीकृत कराया है।
मामले की अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा व एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि थाना अछल्दा में वादी मुकदमा प्रताप सिंह ने रिपोर्ट लिखाई। वादी ने लिखा कि उसने अपनी पुत्री ऊषा कुमारी की शादी सन 2007 में रमन गढ़िया अछल्दा निवासी रजनेश पुत्र सहदेव सिंह के साथ की थी। उसके चार बच्चे भी हैं।
दिनांक 14 अप्रैल 2019 की सुबह ऊषा की ससुराल में मौत हो गई। आरोप लगाया कि मृतका की नाक में चोट, गले पर निशान व पीठ में भी चोट के निशान हैं। पास में चूड़ियां टूटी पड़ी मिलीं। आरोपी पिता ने पति रजनेश, पिता सहदेव सिंह, सास मलती देवी व देवर सोनू कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। यह मुकदमा एडीजे प्रथम विकास गोस्वामी के कोर्ट में चलते हुए निर्णीत हुआ। विचारण के दौरान मृतका के पिता प्रताप सिंह ने गवाही के दौरान एफआईआर में लगाए आरोपों को झुठलाकर आरोपी के पक्ष में गवाही दी।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने ससुराल में हुई मौत के लिए ससुरालीजनों को दोषी बताया व कठोर दंड देने की बहस की। बचाव पक्ष व अभियोजन की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने नामजद मृतका के ससुर सहदेव सिंह, सास मालती देवी व देवर सोनू कुमार को दोषमुक्त कर बरी कर दिया। जबकि पति रजनेश को अजीवन कारावास व 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।