लखनऊ: नैनीताल बैंक बेचने के विरोध में हड़ताल, अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन 

लखनऊ: नैनीताल बैंक बेचने के विरोध में हड़ताल, अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन 

लखनऊ, अमृत विचार। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधन से वार्ता विफल रहने पर नैनीताल बैंक के अधिकारी और कर्मचारी शनिवार को एक दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। इस दौरान लखनऊ, कानपुर और सीतापुर स्थित करीब 15 शाखाओं में किसी भी तरह का कोई काम नहीं हो रहा है। यानी कि ग्राहक सेवाएं पूरी तरह बाधित हैं। केवल लखनऊ, कानपुर और सीतापुर ही नहीं बल्कि नैनीताल बैंक की पांच राज्यों में स्थित सभी शाखाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज के दिन काम बंद कर दिया है। 

बता दें कि नैनीताल बैंक की पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा दिल्ली और राजस्थान में शाखाएं हैं। लखनऊ स्थित नैनीताल बैंक की शाखा में आज प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। कर्मचारी और अधिकारियों ने हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो, लड़ेंगे हम जीतेंगे, कल भी हम जीते थे,आज भी हम जीतेंगे जैसे नारों से अपनी आवाज बुलंद की है।

नैनीताल बैंक कर्मचारी यूनियन की सहायक महासचिव निशा कामथ ने बताया कि नैनीताल बैंक की स्थापना 1922 में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने की थी। 1973 में इस बैंक के संचालन की जिम्मेदारी बैंक ऑफ बड़ौदा को सौंपी गई। बैंक में अपनी हिस्सेदारी 98.57 फीसदी तक बढ़ाकर बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2016 मर्जर की प्रक्रिया चलाई। लेकिन, दिसंबर 2022 में बैंक ऑफ बड़ौदा की बोर्ड बैठक में नैनीताल बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर अंतिम मुहर लगा दी गई। नैनीताल बैंक अधिकारी संघ ने इसका विरोध किया। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधन से कई चरणों में वार्ता हुई।12 जून को हुई वार्ता विफल होने पर अधिकारी-कर्मचारी संघ ने हड़ताल पर जाने का एलान किया।

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