लखनऊ: गोमती में कूदी मानसी को बचाकर डूबा शादाब
लखनऊ, अमृत विचार। एक हिंदू घर की बेटी को बचाते बचाते शादाब ने अपने ही घर में अंधेरा कर दिया। मदेयगंज क्षेत्र में मंगलवार देर रात पक्का पुल के पास आत्महत्या के इरादे से गोमती नदी में कूदी किशोरी को बचाने के लिये वहां से गुजर रहे ई रिक्शा चालक शादाब ने जान की बाजी लगा दी। किसी तरह किशोरी को बचा लिया, लेकिन खुद को डूबने से नहीं बचा सका। उसकी मौत के बाद शव ही नदी से बाहर निकाला जा सका। शादाब परिवार में अकेला कमाने वाला था।
मगलवार रात करीब तीन बजे खदरा निवासी शादाब घर से ई-रिक्शा लेकर कैसरबाग की तरफ जा रहा था। रास्ते में पक्के पुल के पास एक व्यक्ति खड़े होकर अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगा रहा था। व्यक्ति के अनुसार उसकी बेटी मानसी (परिवर्तित नाम) मां की डांट से नाराज होकर गोमती में कूद गयी थी। शादाब ने नदी में देखा तो मानसी नजर आ रही थी। मानसी को बचाने के लिए शादाब नदी में कूद पड़ा। शादाब ने किशोरी को बचाने के लिए प्रयास किया, इस बीच सूचना पर पुलिस गोताखोरों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई। गोताखारों ने किशोरी को तो जीवित निकाल लिया। लेकिन शादाब रात होने की वजह से नदी की गहराई नहीं समझ पाया व डूब गया। गोताखोर जब तक शादाब को निकालते, उसकी मौत हो चुकी थी।
शादाब के जीजा सरिख ने बताया शादाब (25 साल) घर में इकलौता कमाने वाला था। पिता जकी की कई वर्ष पहले मौत हो गई थी। परिवार में बुजुर्ग मां है, जो बीमार रहती है। चार बहनों में से तीन की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बहन नगमा की शादी के लिये रिश्ता देख रहा था। बुजुर्ग मां व परिजन का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।
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