जनतांत्रिक व्यवस्थाओं पर धनिकों का कब्जा होता जा रहा है : दीपक मिश्र
लखनऊ, अमृत विचार। प्रख्यात कवि और सुरेश चंद्र शुक्ल (शरद आलोक) की काव्य कृति जन मन के गांधी का ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय लोकार्पण किया गया। इस समारोह में यूरोप, अमरीका और भारत समेत कई देशों के साहित्यकार शामिल हुए। समारोह का समापन समाजवादी चिंतक और बौद्धिक सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने किया।
दीपक मिश्र ने इस मौके पर कहा कि जनतांत्रिक व्यवस्थाओं पर धनिकों का कब्जा होता जा रहा है। भारतीय लोकसभा में निर्वाचित सदस्यों में 93 फीसदी से अधिक करोड़पति हैं। सत्ताधारी दल के जीते सांसदों की औसत संपत्ति लगभग 443 करोड़ रुपये है। यही चक्र चलता रहा तो गरीब राजनीति से बेदखल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि गांधी, लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश जैसे नेता सपने में भी नहीं दिखेंगे। कलमकारों का लोकधर्म है कि इन विकृतियों व विसंगतियों से समाज को आगाह करें और परिस्थितियों को भयावह होने से रोकें। कलमकारों को जन सरोकारों से उदासीन नहीं होना चाहिए। गांधी रामराज्य के पैरोकार थे। रामराज्य समाजवाद की भांति समानता पर आधारित अवधारणा है।
विमोचन समारोह की शुरुआत डेरेक विडेल के मेयर रहे लेखक थोर इंस्टीन विंगोर के उद्बोधन से हुई। कुलपति रहीं प्रो. निर्मला एस मौर्य, प्रो. शोभा वाजपेई, अमरीका के रामबाबू गौतम, प्रो. अर्जुन पांडेय, शशि पराशर समेत कई विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये।
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