पीएम मोदी ने ताइवान के राष्ट्रपति के बधाई संदेश पर दी प्रतिक्रिया, बौखलाए चीन ने जताया विरोध
बीजिंग। चीन ने ताइवान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट के संबंध में बृहस्पतिवार को भारत के समक्ष विरोध जताते हुए कहा कि नई दिल्ली को ताइवान के अधिकारियों की 'राजनीतिक चालों' का विरोध करना चाहिए। चीन के मुताबिक ताइवान उसका एक विद्रोही और अभिन्न प्रांत है तथा इसे मुख्य भूमि के साथ पुनः एकीकृत किया जाना चाहिए, भले ही बलपूर्वक ही क्यों न किया जाए। मोदी ने अपने बयान में कहा था कि वह ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए उत्सुक हैं। मोदी ने यह टिप्पणी लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर ताइवान के राष्ट्रपति के बधाई संदेश में की थी।
पिछले महीने निर्वाचित हुए ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने मोदी को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में जीत पर मेरी हार्दिक बधाई। हम तेजी से बढ़ती ‘ताइवान-भारत साझेदारी’ को और आगे ले जाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए उत्सुक हैं, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए योगदान दिया जा सके।
My sincere congratulations to Prime Minister @narendramodi on his election victory. We look forward to enhancing the fast-growing #Taiwan-#India partnership, expanding our collaboration on trade, technology & other sectors to contribute to peace & prosperity in the #IndoPacific.
— 賴清德Lai Ching-te (@ChingteLai) June 5, 2024
मोदी ने इस बधाई संदेश का जवाब देते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, लाई चिंग-ते, आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए धन्यवाद। मैं ताइवान के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक तथा तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए और अधिक घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन संदेशों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चीन ने इस पर भारत के समक्ष विरोध दर्ज कराया है।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जब माओ से उनकी टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा, सबसे पहले तो यह कि ताइवान क्षेत्र में कोई राष्ट्रपति नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है। ’’ उन्होंने कहा कि विश्व में केवल एक ही चीन है और ताइवान, चीनी गणराज्य का अविभाज्य हिस्सा है।
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