Unnao Weather Today: नौतपा खत्म लेकिन, मौसम में तपन जारी...शरीर को ढककर बाहर निकल रहे लोग

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Published By Nitesh Mishra
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मजबूरी में घरों से शरीर को पूरी तरह से ढंककर ही निकल रहे हैं लोग

उन्नाव, अमृत विचार। बीते दिनों नौतपा तो खत्म हो चुका है लेकिन, मौसम में तपन अभी भी बदस्तूर जारी है। नौतपा खत्म होने के बाद भी गर्मी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग भीषण धूप व लू से परेशान हैं। मजबूरी में घरों से निकलने वाले लोग शरीर को पूरी तरह से ढंककर ही निकल रहे हैं। वहीं भवन निर्माण कराने वालों को राज-मिस्त्री भी दगा दे रहे हैं। परेशान लोगों को बीच में निर्माण कार्य बंद करना पड़ रहा है। 

एक ओर जहां इस भीषण गर्मी में लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रोजमर्रा काम कर कमाने-खाने वालों को घरों से निकलने की मजबूरी भी बनी रहती है। ऐसे में तेज धूप व लू से बचने को वे शरीर को पूरी तरह कपड़ों से ढंककर ही निकलना सही समझ रहे हैं। 

वहीं गर्मी के चलते शहर में निर्माण कराने वालों के सामने भी मिस्त्री व लेबरों की समस्या खड़ी हो गई है। शहर की अलग-अलग लेबर मंडियों में सुबह मजदूरों की भीड़ तो एकत्र होती है, लेकिन दिनों कोई भी श्रमिक सात सौ रुपए से कम दिहाड़ी पर निर्माण कार्य करने जाने को तैयार नहीं होता है। 

वहीं राज-मिस्त्री भी 1000-1200 रोज मेहनताना मांग रहे हैं। मजबूरी में मुंह मांगी मजदूरी पर तय होकर काम शुरू करने के दो-चार दिन बाद ही कभी राज-मिस्त्री तबीयत खराब होने से काम पर नहीं पहुंचता तो कई बार श्रमिक भी काम से गोल हो जाते हैं। राज-मिस्त्री के अचानक न पहुंचने से लेबर को काम न रहने के बाद इधर-उधर के कार्य में लगाकर पारिश्रमिक देनी पड़ती है। 

वहीं श्रमिकों के गायब होने पर भी निर्माण कार्य कराने वाले को नुकसान का झेलना पड़ता है, क्योंकि कम मजदूर होने पर मिस्त्री को मौके पर पर्याप्त सामग्री उपलब्ध कराना कठिन हो जाता है। निर्माण कराने वालों का कहना है कि उन्होंने मानसून आने की संभावना को देखते हुए कार्य शुरू करा दिया था, लेकिन पूरे दिन चटक धूप व लू झेलना राज-मिस्त्री व श्रमिकों के बस से बाहर हो जाता है। इसलिए वह तबीयत खराब होने की जानकारी देकर काम पर नहीं आते हैं। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। 

उन्होंने बताया कि मिस्त्री की बैठकी अधिक अखरती है, क्योंकि श्रमिकों को बेवजह भुगतान देना पड़ता है। इसके अलावा चहली-बल्ली का किराया भी बेवजह बढ़ता रहता है। शहर स्थित आवास विकास कालोनी में ही करीब एक दर्जन लोगों ने आ रही समस्या से निर्माण कार्य पर ही विराम लगा दिया है। इसी तरह कई अन्य मोहल्लों में भी भवन निर्माण कार्य ठप दिखाई दे रहे हैं।

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