लंदन में लगेगी शाहरुख-काजोल की प्रतिमा, जानिए क्या है खास
मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान और अभिनेत्री काजोल की जोड़ी वाली ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (डीडीएलजे) के 25 साल पूरे होने पर लंदन में शाहरूख-काजोल की प्रतिमा लगाई जायेगी। यशराज फिल्म्स के बैनर तले हिंदी सिनेमा को रोमांस और रिश्तों के एक अलग स्तर पर ले जाने वाले आदित्य चोपड़ा के …
मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान और अभिनेत्री काजोल की जोड़ी वाली ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (डीडीएलजे) के 25 साल पूरे होने पर लंदन में शाहरूख-काजोल की प्रतिमा लगाई जायेगी।
यशराज फिल्म्स के बैनर तले हिंदी सिनेमा को रोमांस और रिश्तों के एक अलग स्तर पर ले जाने वाले आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म (डीडीएलजे) 20 अक्टूबर 1995 को रिलीज हुई थी। फिल्म में शाहरुख खान ने राज और काजोल ने सिमरन की भूमिका निभाई थी। फिल्म के प्रदर्शन के 25 साल पूरे हो गये हैं। अगले साल 2021 में लंदन के लीसेस्टर चौक पर शाहरुख खान एवं काजोल की कांसे की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।
यशराज फिल्म की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लीसेस्टर चौक पर स्थित ओडियोन सिनेमा के बाहर पूर्वी हिस्से के साथ ये प्रतिमा लगाई जाएगी। इस प्रतिमा का अनावरण अगले साल किया जाएगा। आयोजकों को उम्मीद है कि काजोल एवं शाहरुख खान इस मौके पर उपस्थित होंगे।
25 साल की हुई डीडीएलजे : शाहरुख ने अपनी भूमिका को लेकर ये कहा
शाहरुख ने कहा, मुझे कई लोगों ने कहा था कि मैं हीरो की आम धारणा से अलग था। शायद मैं उतना सुंदर नहीं था, या फिर मैं चॉकलेटी नहीं था जैसा कि रोमांटिक भूमिकाओं के लिए जरूरी माना जाता था। इससे मुझे ऐसा लगा कि मैं शायद रोमांटिक भूमिकाओं के लिए अनुपयुक्त हूं। इसके अलावा मैं महिलाओं को लेकर शर्मीला भी हूं और मुझे नहीं पता था कि मैं ये रोमांटिक बातें कैसे कहूंगा।
इस फिल्म से पहले शाहरुख ने डर, बाजीगर और अंजाम जैसी फिल्में की थीं, जिनमें उन्होंने नकारात्मक किरदार निभाए थे। यही वो फिल्म थी, जिसने शाहरुख खान की रोमांटिक हीरो की छवि गढ़ी।
वो कहते हैं, इससे पहले मैं किसी भी प्रकार के रोमांटिक किरदार को निभाने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए, जब मुझे इस रोल के लिए आदि और यश (चोपड़ा) जी ने मौका दिया तो मैं उनके साथ काम करने के लिए उत्साहित तो था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं ये कैसे कर पाऊंगा। खैर, आज भी मेरे लिए यह फिल्म, उसके गाने बहुत खास हैं। रेडियो चैनल पर जब भी डीडीएलजे का गाना आता है, मैं कभी चैनल नहीं बदलता हूं। डीडीएलजे 20 साल से ज्यादा समय तक मुंबई के मराठा मंदिर थिएटर में चली। यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे लंबी चलने वाली फिल्म रही।
