राजू पाल हत्याकांड: अतीक अहमद के शूटरों को शस्त्र लाइसेंस देने के मामले में शुरु हुई जांच, कई पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के आरोपी शूटर अब्दुल कवि के मुकदमे के मामले में कौशांबी के सीओ चायल, थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी के विरुद्ध अब एंटी करप्शन टीम ने जांच शुरु कर दी है। घटना के बाद से फरारी काटने वाले आरोपियों के बने शस्त्र लाइसेंस बना का हर वर्ष नवीनीकरण किया गया। जिसका खुलासा अब जांच में खुलकर सामने आया है। इस मामले में जल्द ही कुछ पुलिस कर्मियों पर गाज गिर सकती है। 
     
पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में लगभग दो दशक तक फरार रहा अतीक अहमद हर खास शूटर अब्दुल कवि पर कौशांबी की पुलिस काफी मेहरबान रही। पुलिस ने न केवल उसका शस्त्र लाइसेंस जारी किया था बल्कि उस लाइसेंस का हर साल नवीनीकरण भी किया जाता रहा। इस मामले में शासन के आदेश पर प्रयागराज एंटी करप्शन टीम ने अब जांच शुरू कर दी है। इसमें सीओ, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत कुछ अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। जिसकी जांच की जा रही है।

 शूटर कवि के घर से मिला था असलहों का जखीरा
उमेश पाल हत्याकांड के बाद पत्नी पूजा पाल नर अब्दुल कवि के खिलाफ शिकायत की थी। जिसके बाद मामले में एसपी कौशांबी बृजेश श्रीवास्तव ने अब्दुल कवि के खिलाफ सर्च आपरेशन चलाते हुए उसके से भखंदा गांव में छापामारी की थी। उस दौरान उसके घर से भसरी मात्रा में असलहों की जखीरा बरामद किया गया था। जिसके बाद  अब्दुल कवि ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के बाद कौशाम्बी से उसे शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया था। जिसका नवीनीकरण थाने की पुलिस हर साल करती थी।

लीपापोती के बाद एंटी करप्शन को मिली जांच
इस मामले की जांच पहले पुलिस ही कर रही थी। मामले में लीपापोती होने के बाद इस जांच को शासन के आदेश पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन)  को जांच सौंप दिया गया था।  इसके बाद प्रयागराज यूनिट टीम ने सीओ चायल श्यामकान्त, थानाध्यक्ष संदीपनघाट राकेश कुमार राय, चौकी प्रभारी हर्रायपुर कृष्ण कुमार यादव के खिलाफ जांच शुरू की है। फिलहाल अब टीम इस मामले में पुलिसकर्मियों का बयान दर्ज कर रही है। शुरुआती जांच में उह बात सामने आई है कि पुलिस ने अब्दुल कवि को वांटेड घोषित कर के थाने पर रिपोर्ट नहीं भेजी थी ।

राजूपाल हत्याकांड के बाद विवेचना में आया था नाम
अतीक अहमद का करीबी शूटर अब्दुल कवि काफी समय तक पुलिस के नासूर बना रहा। अतीक के इशारे पर कवि ने राजू पाल पर गोलियां बरसाई थीं। जिसमे कवि को भी गोली लगी थी। जिसके बाद उसका इलाज प्राइवेट अस्पताल में कराया गया था। घटना में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने केस दर्ज कराया था लेकिन अब्दुल कवि साफ बच गया था। बाद में जांच में उसका नाम सामने आया लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। मामले की जांच जब सीबीआई को दी गयी तो अब्दुल को मोस्ट वांटेड किया गया। इसके बाद भी वह गिरफ्तार नही हो सका।
  
उमेश पाल की हत्या के फिर याद आया अब्दुल कवि
राजूपाल हत्यांकण्ड के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी 2023 को उसके घर के पास ही गोली और बम मारकर हत्या कर दी गयी। जिसके बाद फिर एक बाद पुलिस को अब्दुल कवि की याद आ गयी और उसकी तलाश तेज कर दी गयी। सीबीआई की जांच में भी उसे वांटेड किया गया है। अब्दुल पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया है। जिसकी तलाश में ताबड़तोड़ छापामारी की गई।

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