आईबीए से अलग हुआ भारत, ओलंपिक में खेल के भविष्य को लेकर विश्व मुक्केबाजी से जुड़ा...कही ये बात

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने शुक्रवार को निलंबित आईबीए से नाता तोड़ लिया और ओलंपिक में खेल के भविष्य को लेकर खतरे से निपटने के लिए विश्व मुक्केबाजी से जुड़ गया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने महीनों पहले चेताया था कि अगर राष्ट्रीय महासंघ अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) से जुड़े रहे तो 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक से इस खेल को हटाया जा सकता है। 

बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने एक विज्ञप्ति में कहा, मुक्केबाजी का ओलंपिक दर्जा बरकरार रहना खेल के लिये जरूरी है लिहाजा हम विश्व मुक्केबाजी से जुड़कर खुश हैं। सिंह ने कहा कि वह खेल के भावी विकास के लिये विश्व मुक्केबाजी के कार्यकारी बोर्ड से मिलकर काम करेंगे ताकि दुनिया भर के मुक्केबाजों को उज्ज्वल भविष्य मिल सके। विश्व मुक्केबाजी का गठन अप्रैल 2023 में किया गया। इसके अध्यक्ष आईबीए अध्यक्ष पद के पूर्व दावेदार बोरिस वान डेर वोर्स्ट हैं। 

वान डेर वोर्स्ट ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी के लिये भारत बहुत महत्वपूर्ण देश है और हम बीएफआई का विश्व मुक्केबाजी परिवार में स्वागत करते हैं। यह बेहद रोमांचक कदम है जिससे एशिया में हमारी मौजूदगी बढेगी । हम बीएफआई के साथ मिलकर संयुक्त लक्ष्य के लिये काम करेंगे। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय, खेल की अखंडता और प्रशासन संबंधी मसलों को लेकर 2019 में आईबीए की मान्यता रद्द कर दी थी। टोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस ओलंपिक में भी मुक्केबाजी स्पर्धायें आईओसी द्वारा आयोजित होंगी। 

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